सैय्यद मोहम्मद अब्बास
आज से कुछ महीने पहले जो टीम विश्व विजेता के तौर पर देखी जाती थी। जिसने क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट से लेकर टेस्ट क्रिकेट में अपना दबदबा कायम किया था, उस टीम को अचानक से क्या हो गया है, ये सवाल अब हर क्रिकेट प्रेमी पूछ रहा है? राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट को बेहद अच्छे तरीके से संभाला था। ये वहीं राहुल द्रविड़ जिन्होंने सीनियर और जूनियर खिलाड़ियों को मिलाकर एक मजबूत टीम तैयार की थी लेकिन टी-20 विश्व कप के विजेता बनने के बाद ये टीम पूरी तरीके से गर्त में जाती दिख रही है।
द्रविड़ के हाथ खींचने के बाद इस टीम में खुलकर दरार देखने को मिल रही है। गौतम गंभीर टीम इंडिया के कोच है लेकिन उनका कोचिंग का स्तर इतना ज्यादा खराब हो गया है कि ऑस्ट्रेलिया टीम इंडिया चारों खाने चित हो गई।
इतना ही नहीं सिडनी टेस्ट में टीम इंडिया दोनों पारियों में 200 का आंकड़ा भी नहीं पार कर सकी। उनकी कोचिंग की चर्चा अब हर तरफ हो रही है। पहले उनके गुस्से की चर्चा अक्सर मीडिया में सुर्खियों का केंद्र हुआ करती थी लेकिन अब वो कोच के तौर पर टीम इंडिया को संभाल रहे हैं लेकिन मैदान पर गंभीर दिखने वाले गौती कोई खास कमाल नहीं कर पाये।
उनकी कोचिंग की नाकामी का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि कीवियों ने हमारी धरती पर शिकार कर डाला और हम देखते रह गए।
उनकी कोचिंग में श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम इंडिया को ऐतिहासिक हार झेलनी पड़ी। इसके बाद न्यूजीलैंड ने घर में घुसकर टीम इंडिया का सूपड़ा साफ कर भारतीय क्रिकेट को हतप्रभ कर दिया और रही सही कसर अब ऑस्ट्रेलिया में पूरी हो गई। ऑस्ट्रेलिया में हार के साथ ही विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल से भी बाहर हो गई है।
वरिष्ठ खेल पत्रकार और हिन्दुस्तान टाइम्स के स्पोर्ट्स एडिटर शरद दीप की राय
वहीं भारतीय कोच गौतम गंभीर के प्रदर्शन पर वरिष्ठ खेल पत्रकार और हिन्दुस्तान टाइम्स के स्पोर्ट्स एडिटर शरद दीप की माने तो अभी कोच पर सवाल उठाना जल्दबाजी होगी।
शरणदीप ने एक विशेष बातचीत में JUBILEE POST से कहा कि टीम इस वक्त बदलाव के दौर से गुजर रही है। जहां तक ऑस्ट्रेलिया में हार का सवाल है तो कोच से ज्यादा सीनियर खिलाड़ी खासतौर पर रोहित शर्मा और विराट कोहली जिम्मेदार है।
दोनों ही खिलाडिय़ों के गैर जिम्मेदारना खेल का खमीयाजा पूरी टीम को भुकतना पड़ा है। कोच बदलना हल नहीं है बल्कि युवा खिलाडिय़ों को मौक दिया जाना चाहिए।
इस दौरान वरिष्ठ खेल पत्रकार ने ये भी कहा कि अब समय आ गया है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली के बारे में बीसीसीआई बातचीत करें ताकि आगे नये टैलेंड के लिए रास्ता बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि अगर दोनों ही खिलाडिय़ों को लगता है कि वो टेस्ट क्रिकेट में अब भी फिट है तो दोनों ही खिलाडिय़ों को रणजी खेलना चाहिए। वहीं चैम्पियंस ट्रॉफी को लेकर कहा कि व्हाइट बॉल क्रिकेट में अच्छे खेलते हैं। ऐसे में हमारे लिए अच्छे परिणाम आ सकते हैं।
बड़ा सवाल है कि गंभीर को किस आधार पर कोच बनाया गया जबकि उनसे अच्छे और भी खिलाड़ी मौजूद थे। मीडिया रिपोर्ट बताती है गंभीर कभी भी बीसीसीआई की पहली पसंद नहीं थे बल्कि बोर्ड ने मजबूरी में उनको कोच की जिम्मेदारी सौंप दी। बोर्ड चाहता था कि कोच की जिम्मेदारी लक्ष्मण संभाले लेकिन ऐसा हो नहीं सका। बोर्ड की नजर में द्रविड़ का असली उत्तराधिकारी वेरी-वेरी स्पेशल लक्ष्मण थे लेकिन किसी कारण वो कोच नहीं बन सके।