जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में एक बार राजनीतिक उलटफेर की संभावना बनती दिख रही है। इतना ही नहीं चर्चाओं का बाजार गर्म है।
एक बार फिर नीतीश कुमार को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। बड़ा सवाल है क्या नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मरेंगे। इसके संकेत फिर से मिल रहे है। नीतीश कुमार लगातार भाजपा की नेताओं से दूरी बनाते हुए नजर आ रहे हैं।
इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है अमित शाह का बयान। नीतीश कुमार अमित शाह के उस बयान से काफी आहत हैं, जिसमें उनके मुख्यमंत्री वाले सवाल पर अमित शाह ने बेहत हैरान करने वाला जवाब दिया। उन्होंने इशारों में नीतीश कुमार जवाब देने की कोशिश की।
दूसरी तरफ ललन सिंह और संजय झा केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद लगातार बीजेपी के करीब होते नजर आ रहे है। नीतीश कुमार पुरानी घटनाओं को याद कर रहा है।
कहा जा रहा है कि दिल्ली गए नीतीश ने मनमोहन सिंह के परिजनों से मुलाकात की, लेकिन एनडीए के नेताओं से मुलाकात करने से बचते नजर आए।
दूसरी तरफ तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से मुलाकात की है। इस दौरान तेजस्वी यादव के चेहरे की खुशी थी।
इसके साथ बुधवार को तेजस्वी यादव ने नव वर्ष के मौके पर एक पत्र लिखा।
उन्होंने लिखा कि मेरा आपसे वादा है कि भविष्य में जब-जब भी बिहार की विकास गाथा का इतिहास पढ़ा जाएगा, साल 2025 का नाम एक ऐसे वर्ष के रूप में अवश्य याद किया जाएगा, जिसने बदलाव एवं नए बिहार के नवनिर्माण की नींव रखी। यह बिहार के सुनहरे सपनों को सच करने वाला साल है।
ऐसे में देखना होगा कि क्या बस नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा को लेकर कोई बड़ा कदम उठाते हैं या नहीं लेकिन नीतीश कुमार का मौन कहीं ना कहीं एक बार फिर उनके पलटने की ओर इशारा करता हुआ नजर आ रहा है।