जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। ऐसे तो बिहार में अगले साल चुनाव होना है लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से कमर कस ली है। नीतीश कुमार फिर से सत्ता में लौटना का सपना देख रहे हैं तो दूसरी तरफ तेजस्वी यादव को भरोसा है कि जनता का प्यार उनको विधानसभा चुनाव में मिलने जा रहा है।
दूसरी तरफ बीजेपी भले ही नीतीश कुमार के साथ हो लेकिन बिहार में वो अपना सीएम चाहती है। इस वजह से दोनों का दोस्ताना कितने दिन चलेगा ये किसी को पता नहीं है।
वहीं प्रशांत किशोर भी इन दिनों काफी मेहनत कर रहे हैं और जन स्वराज पार्टी को लॉन्च कर रहे हैं। इतना ही नहीं हाल के दिनों में वो अपनी पार्टी को मजबूत कर सत्ता तक पहुंचने का दावा भी कर रहे हैं लेकिन बड़ा सवाल है क्या प्रशांत किशोर केजरीवाल की तरह सफल हो पायेंगे।
प्रशांत किशोर हर दिन अपनी राजनीति को चमकाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं लेकिन इस दौरान वो ऐसी-ऐसी गलती कर रहे हैं जिससे उनकी राजनीति पारी शायद आगे न बढ़ सके। सवाल है कि आखिर ऐसी कौन सी गलती है जिसकी की चर्चा अब सोशल मीडिया पर खूब हो रही है।
बिहार में आयोजित बीपीएससी की परीक्षा को दोबारा कराए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज के बाद बिहार की सियासत में ऊबाल जरूर आ गया। उसका सबसे बड़ा कारण ये रहा कि प्रशांत किशोर समेत 700 से अधिक अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर पुलिस केस भी दर्ज किया गया है। उनपर विरोध प्रदर्शन को भडक़ाने और कानून-व्यवस्था को बाधित करने का आरोप लगा है।
नए-नए नेतागिरी के लाइन में उतरे, प्रशांत किशोर, छात्रों को कंबल देने का एहसान जता रहें…युवा कंबल के बदले इनको आंदोलन सौंप दे.
अपना कैरियर दाव पर लगा के, भूख हड़ताल पर बैठे बिहार का युवा, ठंड में लाठी और पानी का बौछार सहे छात्र, और नेता बनेंगे ये.
दिल बड़ा रखिए, आंदोलन का… pic.twitter.com/RbI3VQOVnL
— Ankit Kumar Avasthi (@kaankit) December 30, 2024
शाम को जब किशोर गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों से मिलने गए तो वहां विवाद हो गया. वायरल हुए एक वीडियो में प्रशांत किशोर एक प्रदर्शनकारी को “बिल्कुल नया नेता” कहते हुए सुनाई दे रहे हैं। प्रदर्शनकारी ने जवाब दिया कि प्रशांत किशोर ही नेता हैं. एक मौके पर किशोर कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, “तुमने मुझसे कंबल मांगा और तुम बदतमीजी कर रहे हो?” छात्र ने जवाब दिया, “तुम हमें कंबल दिखाकर डराने की कोशिश कर रहे हो?” इसके बाद तीखी नोकझोंक हुई और छात्रों ने ‘वापस जाओ’ के नारे भी लगाए. हालांकि, JUBILEEPOST वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं कर सकता।
वहीं बिहार की राजनीति को करीब से देखने वालों की माने तो प्रशांत किशोर ने कंबल देने की बात कही है और वोट बैंक को हासिल करने की ये एक अलग कोशिश हो सकती है लेकिन प्रशांत किशोर को ये भी समझ लेना चाहिये कि ये ‘रेवड़ी’ कल्चर से बिल्कुल अलग चीज है और यहां पर कंबल वाली बात किसी और तरफ इशारा भी करती हुई नजर आ रही है। राजनीतिक जानकारों की माने तो प्रशांत किशोर ‘नोट के बदले वोट’ वाली राजनीति के ज्यादा करीब नजर आ रहा है, जो उनकी पार्टी के लिए ठीक नहीं होगा।