जुबिली स्पेशल डेस्क
साल 2024 अब खत्म होने की कगार पर है। इस साल भारत ने खूब नाम कमाया। साल 2024 को खत्म होने में दो दिन बचे है और पूरी दुनिया 2025 का स्वागत करने के लिए आतुर है लेकिन इस साल ने जहां एक ओर कई यादगार पल दिए तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे जख्म भी दिए जिसे याद करके आंखों में आंसू तक आ जाते हैं। दरअसल कुछ ऐसी हस्तियों ने दुनिया को अलविदा कहा है, जिनका डंका न सिर्फ भारत बल्कि पूरे में बजता था। उनमें रतन टाटा से लेकर मनमोहन सिंह शामिल है, जिनका साथ अब बस यहीं तक रहा।
मनमोहन सिंह और उद्योगपति रतन टाटा ने छोड़ी दुनिया
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 26 दिसंबर को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 90 दशक में जब भारत की इकोनॉमी डूब रही थी तब मनमोहन सिंह की नीतियों ने भारत का भविष्य बदल दिया और मनमोहन सिंह ने अपनी समझदारी से भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचने काम किया।
रतन टाटा को कौन भूल सकता है, जिनका डक्का न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के दूसरे मुल्कों में भी बजता था। 9 अक्टूबर 2024 को दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का निधन हो गया था और उनके जाने से भारत के कॉरपोरेट क्षेत्र में बड़ा झटका साबित हुआ। टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा ने भारतीय व्यापार को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। सिनेमा की दुनिया ने श्याम बेनेगल (23 दिसंबर 2024) और कुमार शाहनी (24 फरवरी 2024) जैसे फिल्मकारों को खो दिया।
तबला वादक जाकिर हुसैन और शारदा सिन्हा भी नहीं रही…
तबला वादक ज़ाकिर हुसैन (निधन 15 दिसंबर 2024), शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान (9 जनवरी 2024), गज़़ल गायक पंकज उधास (26 फरवरी 2024), और भरतनाट्यम नृत्यांगना यामिनी कृष्णमूर्ति (3 अगस्त 2024) का निधन हुआ। वहीं भोजपुरी और मैथिली लोकगीतों को लोकप्रिय बनाने वाली शारदा सिन्हा (5 नवंबर 2024) भी इस दुनिया से रोकसत हो गई।
मुनव्वर राना से लेकर मालती जोशी ने छोड़ा साथ
मुनव्वर राना (14 जनवरी 2024), केकी एन दारूवाला (26 सितंबर 2024), उषा किरण खान (11 फरवरी 2024) और मालती जोशी (15 मई 2024) जैसी बड़ी हस्तियों ने समय से पहले ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया। नया साल आने वाला है लोग स्वागत करने की तैयारी में है लेकिन मौजूदा साल कई गमगीन लम्हों को देता हुआ जा रहा है।
इन पर एक नज़र
बाबा सिद्दीकी- महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर 2024 को मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बिहार के प्रसिद्ध समाजसेवी, महावीर मंदिर न्यास के सचिव और पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का 29 दिसंबर 2024 को कार्डियक अरेस्ट की वजह से दुनिया को अलविदा कह दिया।
जेपी आंदोलन की उपज और बिहार बीजेपी के बड़े नेता सुशील कुमार मोदी का निधन 13 मई 2024 को हुआ था।