जुबिली स्पेशल डेस्क
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कभी सोचा नहीं होगा जिस देश के लिए उन्होंने इतना कुछ किया आज उसी देश के लिए वो एक दुश्मन की देखी जा रही है।
इतना ही नहीं पीएम पद को त्याग कर भारत आने के बावजूद उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बांग्लादेश में उनके खिलाफ इतना ज्यादा प्रदर्शन किया गया कि उन्हें 5 अगस्त को अपनी जान बचाने के लिए उन्हें ढाका से भारत आकर शरण लेनी पड़ी थी लेकिन यहां भी उनको चैन से नहीं रहने दिया जा रहा है।
बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर दिया गया है। उनकी गिरफ्तारी किसी भी वक़्त हो सकती है। उन्हें 18 नवंबर तक हर हाल में पेश होने का आदेश दियाा गया है. बांग्लादेश की सरकार ने भारत से अपील की है कि उन्हें शेख हसीना को वापस भेज देना चाहिए। इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री सुरक्षा की वजह से दिल्ली आई थीं। अभी भी वो दिल्ली में ही हैं।
बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने उनके ऊपर शिकंजा कसते हुए 50 से अधिक मुकदमे दर्ज किए है। उन मुकदमों में हत्या का मामला ज्यादा शामिल है। दूसरी तरफ शेख हसीना के दौर में मानवाधिकार हनन के मामलों की जांच संयुक्त राष्ट्र की एक टीम बांग्लादेश पहुंचकर कर रही है।
15 साल से सत्ता में रहने वाली शेख हसीना को बांग्लादेश को छोडऩा पड़ा। हालांकि वो पीएम पद से इस्तीफा दे चुकी थी और सत्ता छोडऩे के लिए पहले ही तैयार हो चुकी थी लेकिन जनता की नाराजगी उनकी जान के लिए खतरा बन गई थी।
शेख हसीना जब ढाका से विशेष विमान के जरिये भागकर दिल्ली आईं तो गाजियाबाद के हिंंडन एयरबेस पर उनका विमान उतरा। सूत्रों के अनुसार, तब शेख हसीना ने अपनी बहन और अपने लिए हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर बने शॉपिंग कांप्लेक्स से कुछ जरूरी सामान खरीदा।
कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने और अपनी बहन के लिए कुछ कपड़े खरीदे थे। इसका भुगतान उन्होंने इंडियन करेंसी में किया था। इसके बाद से वो दिल्ली में ही सेफ हाउस में रह रही हैं।