जुबिली स्पेशल डेस्क
जम्मू कश्मीर में इंडिया गठबंधन की सरकार बन गई है और उमर अब्दुल्ला ने सीएम पद की शपथ भी ले ली है और कांग्रेस ने इस नई सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया है जो काफी हैरान करने वाला माना जा रहा है।
नई सरकार के शपथग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी खासतौर पर पहुंचे। ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर पार्टी ने उमर कैबिनेट में अपने कोटे से मंत्री क्यों नहीं दिए? इसके पीछे कई वजहों को माना जा रहा है।
जम्मू कश्मीर में कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत हासिल की लेकिन किसी को नई सरकार में मंत्री बनाने के पक्ष में नहीं थी और हाईकमान चाहता है कि जमीनी स्तर पर लोकल लीडर वहां पर मेहनत करे ताकि कांग्रेस को मजबूत किया जा सके।
उमर अब्दुल्लाह और उनकी पार्टी 370 को वापस लाने के पक्ष में है लेकिन कांग्रेस स्टेटहूड सिर्फ मांग कर रही है। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस कांग्रेस को एक से दो को मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं थी और वो सांकेतिक भागीदारी के पक्ष में नही थी।
उसे इस चुनाव में उम्मीद के मुताबिक जीत नसीब नहीं हुई और इस वजह से भी कांग्रेस सरकार में न शामिल होकर बाहर से समर्थन देने का फैसला किया।