Friday - 25 October 2024 - 2:58 PM

छात्राओं के लिए रोजगार अभियान: एक जरूरी पहल

प्रो. अशोक कुमार

छात्राओं के लिए रोजगार / नौकरी के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक अभियान की आवश्यकता है।
भारत में छात्राओं / महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने और समाज में लैंगिक समानता लाने के लिए यह बेहद जरूरी है।

रोजगार अभियान की आवश्यकता क्यों है? छात्राओं / महिलाओं को अपने जीवन मे विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि:
रोजगार के अवसरों की कमी: कई क्षेत्रों में अभी भी महिलाओं के लिए पुरुषों के बराबर रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हैं।

लैंगिक पूर्वाग्रह: कई कार्यस्थलों पर महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है, उन्हें कम वेतन दिया जाता है और उन्हें नेतृत्वकारी भूमिकाएं देने में संकोच किया जाता है। घरेलू जिम्मेदारियां: महिलाओं को घर और परिवार की जिम्मेदारियां निभाने के साथ-साथ करियर बनाने में भी संतुलन बनाना होता है।

लैंगिक असमानता: आज भी कई क्षेत्रों में महिलाओं को पुरुषों के बराबर अवसर नहीं मिल पाते हैं।रूढ़िवादी सोच: समाज में कई जगह महिलाओं को सिर्फ घर के काम तक सीमित करने की सोच पाई जाती है। शिक्षा के बावजूद रोजगार: कई महिलाएं उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी रोजगार नहीं पा पाती हैं। कौशल विकास: कई बार महिलाओं में आवश्यक कौशल का अभाव होता है, जिसके कारण उन्हें नौकरी मिलने में दिक्कत होती है।

रोजगार अभियान के माध्यम से क्या किया जा सकता है?

जागरूकता फैलाना: महिलाओं को उनके अधिकारों और करियर के विकल्पों के बारे में जागरूक किया जा सकता है। कौशल विकास: महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक कौशल विकसित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा सकता है।

रोजगार मेले: महिलाओं के लिए विशेष रोजगार मेले आयोजित किए जा सकते हैं। मेंटोरशिप: अनुभवी महिलाओं को युवा महिलाओं को मेंटर के रूप में दिया जा सकता है। सरकारी नीतियां: महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार को नीतियां बनानी चाहिए। निजी क्षेत्र का सहयोग: निजी क्षेत्र को भी महिलाओं को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

छात्राओं / महिलाओं के लिए नौकरी अभियान के लाभ

आर्थिक स्वतंत्रता: महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकेंगी। समाज में सम्मान: महिलाओं को समाज में सम्मानजनक स्थान मिलेगा। देश का विकास: देश का विकास होगा क्योंकि महिलाएं भी राष्ट्र निर्माण में योगदान देंगी।

आप इस अभियान को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं?

सामाजिक मीडिया: सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाएं।स्कूलों और कॉलेजों में कार्यक्रम: स्कूलों और कॉलेजों में सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित करें। स्थानीय सरकारों से संपर्क करें: स्थानीय सरकारों से इस मुद्दे पर बात करें और उनसे सहयोग मांगें। NGOs के साथ मिलकर काम करें: NGOs के साथ मिलकर महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करें। कौशल विकास कार्यक्रम: छात्राओं को विभिन्न कौशल विकसित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाए, जैसे कि कंप्यूटर कौशल, भाषा कौशल, आदि। इंटर्नशिप और प्रशिक्षण कार्यक्रम: छात्राओं को विभिन्न कंपनियों और संगठनों में इंटर्नशिप और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किए जाएं।नियोक्ताओं के साथ सहयोग: नियोक्ताओं को महिलाओं को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।सरकारी नीतियां: सरकार को महिलाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनानी चाहिए।
कुछ संभावित नौकरी के क्षेत्र: IT उद्योग: सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा एनालिटिक्स, डिजिटल मार्केटिंग ! शिक्षा: शिक्षिका, काउंसलर, प्रशिक्षक !स्वास्थ्य: नर्स, डॉक्टर, फार्मासिस्ट ,वित्त: बैंकिंग, बीमा, वित्तीय सलाहकार, मीडिया और मनोरंजन: पत्रकार, लेखक, कलाकार सामाजिक कार्य: सामाजिक कार्यकर्ता, NGO में कार्य ,उद्यमिता: अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना
सरकार का लक्ष्य है कि हर महिला आत्मनिर्भर बने और समाज में अपनी भूमिका निभा सके।
भारत सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए कई पहल कर रही है। इन प्रयासों का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और देश के विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित करना है।

कुछ प्रमुख पहल इस प्रकार हैं:

स्वयं सहायता समूह (SHG): इन समूहों के माध्यम से महिलाओं को छोटे उद्योगों को शुरू करने और चलाने के लिए वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को बढ़ावा: सरकार महिलाओं को MSME शुरू करने और बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए सरकार द्वारा ऋण सुविधाएं, सब्सिडी और अन्य प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है।
मुद्रा योजना: यह योजना महिला उद्यमियों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराती है, जिससे वे अपने व्यवसायों का विस्तार कर सकती हैं।
कौशल विकास कार्यक्रम: सरकार विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को रोजगार योग्य बना रही है। इन कार्यक्रमों में डिजिटल साक्षरता, व्यावसायिक प्रशिक्षण आदि शामिल हैं।
सब्सिडी और प्रोत्साहन: सरकार महिला उद्यमियों को कई प्रकार की सब्सिडी और प्रोत्साहन प्रदान करती है, जैसे कि कर छूट, ब्याज सब्सिडी आदि।
लघु उद्योगों को बढ़ावा: सरकार लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर रही है।
पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी: सरकार पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दे रही है, जिससे उन्हें सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका निभाने का मौका मिल रहा है।
कानूनी सुधार: सरकार महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी सुधार कर रही है, जिससे उन्हें कार्यस्थल पर समान अवसर मिल सकें।
इनके अलावा, सरकार कई अन्य क्षेत्रों में भी महिलाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है, जैसे कि:
कृषि: कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं।
उद्योग: महिलाओं को उद्योगों में रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं।
सेवा क्षेत्र: सेवा क्षेत्र में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
छात्राओं/ महिलाओं के लिए रोजगार / नौकरी अभियान एक व्यापक प्रयास है, जिसमें सरकार, निजी क्षेत्र, गैर-सरकारी संगठन और समुदाय सभी को मिलकर काम करना होगा। एकजुट होकर हम छात्राओं/ महिलाओं को सशक्त बना सकते हैं और उन्हें एक बेहतर भविष्य दे सकते हैं।

(लेखक: पूर्व कुलपति कानपुर, गोरखपुर विश्वविद्यालय , विभागाध्यक्ष राजस्थान विश्वविद्यालय)

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