जुबिली स्पेशल डेस्क
इजरायल और ईरान के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात बन गए है। इजरायल लगातार ईरान के सहयोगियों पर हमला बोल रहा है।
उसने लेबनान और हमास पर जोरदार हमला बोला है। इतना ही नहीं उसने पहले हमास चीफ इस्माइल हानिया को मार गिराया और उसके बाद हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह पर बम बरसा कर मौत की नींद सुला दी। बीते महीने ही इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत हो गई।
हालांकि इस सब के बीच ईरान अब इस बात का पता लगा रहा है कि आखिर किसने इजरायल की मदद की जिसकी वजह से हमास चीफ इस्माइल हानिया और हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या की गई।
इन दोनों की मौत के बाद ईरान की सिक्योरिटी पर सवाल उठे हैं और कहा जा रहा है कि ईरान के अंदर ही इजरायल का जासूस घुस गया है और वो पल-पल की खबर इजरायल को दे रहा है।
अब इस मामले को ईरान काफी गंभीरता से ले रहा है और उसने जांच करनी शुरू कर दी है। इस बीच पश्चिमी मीडिया के हवाले से खबर आ रही है कि इस सब के पीछे ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कुद्स फोर्स के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल कानी है और फिर ये चर्चा होने लगी कि कुद्स फोर्स के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल कानी ने ही कहीं इजरायल की मदद करके गद्दारी तो नहीं की।
अब पश्चिमी मीडिया का एक खेमा यह भी कहने लगा है कि 67 वर्षीय ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल कानी को हाउस अरेस्ट कर लिया गया और उनपर ईरान ने शिकंजा कसते हुए हसन नसरल्लाह की मौत के संबंध में पूछताछ की जा रही है. यह जांच ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई की निगरानी में हो रही है।
दूसरी तरफ इरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कानी ठीक हैं. वो अपनी नियमित ड्यूटी कर रहे है।
इजराईल के पक्ष में लामबंद पश्चिमी मीडिया पर अक्सर ही ये आरोप लगते रहे हैं कि वह इजराईल के लिए माहौल बनाने की कोशिश लगातार कर रहा है. जानकारों का ममना है कि ऐसी खबरों से ईरान के भीतर और बहार एक माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है जिससे ईरान उलझ कर रह जाए.
कुल मिलाकर ईरान लगातार इस मामले की जांच कर रहा ताकि आगे कोई किसी तरह की गद्दारी न कर सके। ईरान ये जानना चाहता है कि इजरायल की कौन मदद कर रहा है और जल्द ही इसका पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
बता दें कि हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या ने ईरान का गुस्सा भडक़ा दिया और इजरायल को लेकर उसका सब्र का बांध टूट गया और उसने दो अक्टूबर पर इजरायल पर हमला कर दिया।ईरान के 200 मिसाइल अटैक से इजरायल पूरी तरह से सहम गया था और डर के साये में जिने पर मजबूर होना पड़ा है।