Thursday - 10 October 2024 - 1:10 AM

भारत का रतन इस दुनिया में नहीं रहा,86 साल की उम्र में रतन टाटा ने दुनिया को कहा-अलविदा

जुबिली स्पेशल डेस्क

टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। बुधवार को लंबी बीमारी के उनका निधन हो गया है।

उन्हें सोमवार को उस समय भर्ती कराया गया था जब उनके ब्लड प्रेशर में गिरावट आई थी तब उनको मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

इसके बाद उनकी तबीयत में कोई खास सुधार नहीं हुआ तो उनको आईसीयू भर्ती कराया गया लेकिन आज सोमवार की रात को उन्होंने अंतिम सांस ली।

उनकी मौत के बाद उद्योगपति हर्ष गोयपनका ने भी अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर रतन टाटा के निधन की पुष्टी कर दी है।कारोबारी हर्ष गोयनका ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा कि घड़ी ने टिक-टिक बंद कर दी है. टाइटन का निधन हो गया।

 

रतन टाटा ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली. प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

Shri Ratan Tata Ji was a visionary business leader, a compassionate soul and an extraordinary human being. He provided stable leadership to one of India’s oldest and most prestigious business houses. At the same time, his contribution went far beyond the boardroom. He endeared… pic.twitter.com/p5NPcpBbBD

— Narendra Modi (@narendramodi) October 9, 2024

रतन टाटा को विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा, “रतन टाटा एक दूरदर्शी व्यक्ति थे. उन्होंने व्यवसाय और परोपकार दोनों पर अमिट छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा समुदाय के प्रति मेरी संवेदनाएं।”

Ratan Tata was a man with a vision. He has left a lasting mark on both business and philanthropy.

My condolences to his family and the Tata community.

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 9, 2024

राजनाथ सिंह ने X पर लिखा, ‘श्री रतन टाटा के निधन से दुखी हूं। वे भारतीय उद्योग जगत के एक ऐसे दिग्गज थे जिन्हें हमारी अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।

महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, ‘मैं रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं. भारत की अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक छलांग लगाने के कगार पर है और रतन के जीवन और कार्य का हमारे इस स्थिति में होने में बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए, इस समय उनका मार्गदर्शन और अमूल्य होता। उनके जाने के बाद, हम बस यही कर सकते हैं कि उनके उदाहरण का अनुकरण करने के लिए प्रतिबद्ध हों।क्योंकि वह एक ऐसे व्यवसायी थे जिनके लिए वित्तीय संपत्ति और सफलता सबसे उपयोगी तब थी जब इसे वैश्विक समुदाय की सेवा में लगाया जाता था. अलविदा और भगवान की कृपा हो. आपको भुलाया नहीं जाएगा। क्योंकि किंवदंतियां कभी नहीं मरतीं… ओम शांति”.

 

 

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