जुबिली न्यूज डेस्क
इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान में हड़कंप मच गया था. इस घटना के बाद ईरान पूरी तरह से बौखला गया और उन्होंने इजरायल पर 2 दिन पहले 200 मिसाइल दाग दिया. वहीं मिडिल ईस्ट के अन्य देशों में नसरल्लाह की मौत से आक्रोश फैल गया. हालांकि अब इराक में 100 नवजात बच्चों का नाम हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के नाम पर रखा गया.
हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को कई अरब देशों में इजरायली और पश्चिमी प्रभावों के खिलाफ प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में देखा जाता था. इसी वजह से इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने हसन नसरल्लाह को ‘नेक के रास्ते पर शहीद होने वाला बताया’. इस मौके पर उन्होंने इजरायली हवाई हमले में नसरल्लाह की हत्या को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन भी बताया.
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इजरायली हवाई हमले में समूह के पिछले नेता अब्बास अल-मुसावी की हत्या के बाद नसरल्लाह ने 1992 से आतंकवादी समूह के मुखिया का पद संभाला था. उसके नेतृत्व में हिज़्बुल्लाह लेबनान में राजनीतिक शक्ति के रूप में विकसित हुआ और मिडिल ईस्ट के जियोपॉलिटिकल में एक प्रमुख खिलाड़ी बन कर उभरा, जिसमे ईरान ने बहुत बड़ा रोल अदा किया. हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ अपने आक्रमण को बढ़ाने के लिए इराक और यमन में हमास, हूती और अन्य संगठनों को अपनी मिसाइल और रॉकेट भी मुहैया कराए.