जुबिली स्पेशल डेस्क
हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह इन दिनों काफी सुर्खियों में है। दरअसल उनका एक बयान उस समय चर्चा में आ गया था जब उन्होंने दुकानदारों के लिए नेमप्लेट से संबंधित मुद्दे पर बयान दिया था।
उनके इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी काफी नाराज हुई थी और आलम तो ये रहा कि कांग्रेस आलाकमान ने हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह को दिल्ली तलब और उनको सख्त चेतावनी दी है कि वो या कोई अन्य नेता पार्टी की नीतियों और विचारधारा के खिलाफ नहीं जा सकता।
हालांकि उन्होंने अपनी सफाई में कहा है कि उनकी टिप्पणियों को मीडिया ने तोड़-मरोडक़र पेश किया। उधर उनके बयान के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार को भी सफाई देनी पड़ी और कहा था कि ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है।
विक्रमादित्य सिंह ने क्या कहा था?
विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को सोशल मीडिया पर दी है और लिखा था कि हिमाचल में भी अब उत्तर प्रदेश की तरह हर भोजनालय और फास्ट फूड की रेहड़ी पर दुकान मालिक की आईडी लगाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो। इसके लिए शहरी विकास विभाग और नगर निगम की बैठक में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
कांग्रेस सूत्रों ने जानकारी दे है झाई कि वेणुगोपाल ने विक्रमादित्य से दो टूक कहा कि वो या कोई अन्य नेता कांग्रेस की नीतियों और विचारधारा के विरुद्ध नहीं जा सकता। सूत्रों के अनुसार, वेणुगोपाल ने हिमाचल सरकार के मंत्री से ये भी कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी देश में नफरत के खिलाफ मोहब्बत की राजनीति कर रहे हैं और ऐसे में कोई भी कांग्रेस नेता पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध नहीं जा सकता।
बता दे कि हिमाचल प्रदेश में हिंदुत्व की सियासत की नई कहानी देखने को मिल रही है। हिमाचल की जनसंख्या में 97 फीसदी आबादी हिंदुओं की है जबकि मुस्लिम समुदाय सिर्फ 2.1 फीसदी है।