जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन (यूपीएए) द्वारा लखनऊ सहित कुछ अन्य जिला खेल संघों में की जा रही मनमानी से राजधानी में एथलेटिक्स के माहौल पर असर पड़ रहा था।
वहीं उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन द्वारा मनमाने तरीके से कुछ जिला खेल संघों को हटाने व समानांतर संघ बनाने की कवायद पर बुधवार 25 को एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) द्वारा जारी एक सर्कुलर से प्रश्नचिन्ह लग गया है।
इस बारे में बुधवार को एएफआई के सचिव रविंदर चौधरी द्वारा जारी सर्कुलर संख्या 57/9-2024 के अनुसार एएफआई के पूर्व अनुमोदन के बिना किसी भी जिला संघ को असंबद्ध नहीं किया जाना चाहिए। हालाँकि यह देखा गया है कि जिला संघों को अभी भी एएफआई से पूर्व अनुमोदन के बिना असंबद्ध किया जाता है।सचिव रविंदर चौधरी ने सख्त शब्दों में कहा कि एएफआई नए जिलों के नाम को स्वीकार नहीं करेगा और एएफआई की लिस्ट के अनुसार जिलों के साथ कार्य करना जारी रखेगा।
बताते चले कि उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन (यूपीएए) द्वारा अपने पिछले चुनाव के बाद सेल लखनऊ सहित कुछ जिला संधों को लगातार भंग करने की कार्यवाही की जा रही थी।
कुछ दिन पूर्व उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स संघ के अध्यक्ष आशुतोष भल्ला ने भी कहा था कि एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) की अनुमति के के बिना किसी भी जिला एथलेटिक्स संघ को भंग नहीं किया जा सकता है और चुनाव के बाद ही किसी नये व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
फिलहाल इस सर्कुलर से ये भी स्पष्ट हो गया है कि लखनऊ एथलेटिक्स संघ के सचिव बीआर वरुण, फिरोजबाद के श्याम वीर, सुल्तानपुर के बाबादीन चौधरी और कुशीनगर के अजय त्रिपाठी ही अपने जिलों में प्रदेश संघ के निर्देशन में एथलेटिक्स खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने का कार्य करेंगे।