Wednesday - 25 September 2024 - 4:35 PM

नीतीश, नायडू और पवन कल्याण बन गए मोदी की नई टेंशन

जुबिली स्पेशल डेस्क

मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में लौटी है तो वो सिर्फ नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के बदौलत।

अगर ये दोनों नेता बीजेपी से अपना हाथ खींच ले तो सरकार गिरते देर नहीं लगेंगी। हालांकि दोनों ये कई बार कह चुके हैं कि उनका समर्थन मोदी सरकार को जारी रहेगा और सरकार को फिलहाल किसी तरह का कोई खतरा नहीं है लेकिन इसके बावजूद बीजेपी के लिए दोनों मुश्किलें जरूर पैदा कर रहे हैं।

दरअसल हिंदुत्व के नाम पर राजनीति चमकाने की पूरी कोशिश क रहे हैं। इतना ही नहीं पवन कल्यान भी हिंदुत्व के मुद्दे बीजेपी से कई कदम आगे नजर आ रहे हैं। अब सवाल है कि हिंदुत्व के मुद्दे पर नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, पवन कल्याण क्यों बीजेपी से आगे नजर आ रहे हैं। तीनों के अपने-अपने सियासी फायदे हैं और बीजेपी भी इस बात को समझ रही है।

नीतीश ने राम मंदिर पर मोदी की क्यों की तारीफ

सबसे पहले बात करते हैं नीतीश कुमार की, जो कहने को तो बीजेपी के साथ है लेकिन उसका मन कब बदल जाये ये किसी को पता नहीं है। इसलिए बीजेपी उनको लेकर अब पहले से ज्यादा चौंकाना है।

अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन के लगभग आठ महीने बाद, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जागे हैं और  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रशंसा पत्र लिखा है।

उन्होंने ऐसा क्यों किया ये भले ही कोई समझ नहीं पा रहा हो लेकिन नीतीश कुमार इसके बहाने अपना वोट बैंक मजबूत कर बीजेपी पर अतिरिक्त दबाव भी बनाना चाहते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने माता सीता का जन्मस्थली सीतामढ़ी के पुनौरा धाम का विकास करने  और सीधी रेल लिंक सेवा की भी मांग भी सरकार से की है। लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार को बीजेपी के हिंदुत्व का मुद्दा के फायदा मिला था और इस वजह से नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव में इसका सीधा फायदा लेना चाहते हैं और बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी करना चाहते हैं।

चंद्रबाबू नायडू हिंदुत्व के सहारे जगमोहन रेड्डी पर निशाना

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू इन दिनों खूब चर्चा में हैं और उन्होंने तिरुपति मंदिर में जानवरों की चर्बी युक्त घी से लड्डू बनने का मामले खूब उछाला और  उनके प्रतिद्वंद्वी वाई एस जगन मोहन रेड्डी की सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर में वितरित किए गए लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलाई गई थी ताकि इस मामले में जगन मोहन रेड्डी को कमजोर कर सके और हिंदू समर्थन हासिल कर आगे अपनी पार्टी का विस्तार करें।

हिंदुओं के मुद्दे पर तिरुपति बालाजी लड्डू स्कैम के पहले भी पवन कल्याण भी एकाएक सुर्खियों में आ गए है और बीजेपी से कई कदम आगे निकलते हुए दिख रहे हैं।

तिरुपति प्रसादम में जानवरों की चर्बी वाले तेल के मिलावट के मुद्दे पर वो बीजेपी से एक्टिव नजर आये हैं। इतना ही नहीं जनसेना पार्टी (जेएसपी) के प्रमुख चेहरे के तौर पर  पवन कल्याण अब विश्वसनीय हिंदू चेहरा के तौर पर भी पेश करते हुए नजर आ रहे हैं।

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