जुबिली स्पेशल डेस्क
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले को लेकर बंगाल में अब भी घमासान देखने को मिल रहा है। जहां एक ओर ममता सरकार डॉक्टरों के निशाने पर है तो दूसरी तरफ राजनीतिक तौर पर भी ममता को बहुत कुछ सहना पड़ रहा है। उनकी कुर्सी भी खतरे में पड़ती हुई नज़र आ रही है।
9 अगस्त 2024 को सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर के साथ पहले रेप किया जाता है और फिर उसे दर्दनाक तरीके से मौत की नींद सुला दी जाती है।
मामले की पोस्टमार्ट रिपोर्ट से सामने आया कि लेडी डॉक्टर को बर्बरता के साथ मारा गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में महिला डॉक्टर के साथ रेप की पुष्टि हुई थी।उधर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ममता सरकार ने तीसरी बार कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल कांड के खिलाफ महीने भर से प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया गया है।
हालांकि इसमें सरकार ने डॉक्टरों द्वारा मीटिंग के लिए रखी गई दो शर्तों को नहीं माना। ये मीटिंग नबन्ना कॉन्फ्रेंस हॉल में होनी है।राज्य के मुख्य सचिव मनोज मंत ने गुरुवार को आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों को नबान्न बातचीत के लिए आमंत्रित किया था।लेकिन मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर हड़ताली डॉक्टर अड़िग रहे और मीटिंग नहीं हो सकी. ममता बनर्जी ने करीब दो घंटे तक डॉक्टरों का कॉन्फ्रेंस हॉल में इंतजार किया, लेकिन डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल नहीं पहुंचा।
ममता बनर्जी ने कहा कि हमने डॉक्टरों के साथ बैठक के लिए 2 घंटे तक इंतजार किया. हमने देखा कि उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। हमने उनसे बातचीत के लिए खुले दिमाग से आने को कहा था। बातचीत होने पर ही समाधान हो सकता है। इससे पहले एक अन्य अवसर पर मैंने बातचीत में शामिल होने के लिए इंतजार किया था। कोई बात नहीं, मैं उन्हें माफ करती हूं क्योंकि वे बहुत छोटे हैं। हमारे पास बैठक को रिकॉर्ड करने की पूरी व्यवस्था थी। प्रक्रिया की पारदर्शिता और सटीक दस्तावेज़ीकरण के लिए और हम सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के साथ रिकॉर्डिंग साझा करने के लिए भी तैयार थे।