- भारतीय फ़ुटबॉल के दो सबसे बड़े नाम देश के अन्य हिस्सों में कई बार एक-दूसरे से मिल चुके हैं
- लेकिन लखनऊ में उन्हें कभी लड़ने का मौका नहीं मिला
- दरअसल, ईस्ट बंगाल ने अपने 104 साल के समृद्ध इतिहास में कभी भी उत्तर प्रदेश की राजधानी में नहीं खेला
- 1889 में स्थापित मोहन बागान 69 साल बाद लखनऊ में मैदान पर उतरेगा। वे वहां एकमात्र बार 30 अगस्त, 1955 को खेले थे, जब उन्होंने लखनऊ XI के साथ एक प्रदर्शनी मैच 1-1 से ड्रा खेला था
- भारतीय समयानुसार शाम 6:30 बजे शुरू होगा। मैच लाइव स्ट्रीमिंग और टेलीकास्ट पर उपलब्ध होगा
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। देश की दो दिग्गज टीमें मोहन बागान सुपर जायंट और ईस्ट बंगाल एफसी पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी कही जाती है। दोनों टीम सोमवार को केडी सिंह बाबू स्टेडियम में एक प्रदर्शनी मुकाबले में आमने-सामने होंगी।
मुख्यमंत्री कप के लिए होने वाले इस मुकाबले की शुरुआत शाम 6.30 बजे होगी जिसका डीडी स्पोर्ट्स पर सीधा प्रसारण होगा और भारतीय फुटबॉल यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम होगा। इस मैच में पहले ही शहर पहुंच चुके ईस्ट बंगाल का देर शाम का अभ्यास सत्र बारिश से धूल गया वहीं मोहन बागान भी देर शाम पहुंच गयी।
इसको देखते हुए एआईएफएफ, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से नवोदय विद्यालय के माध्यम से 75 जिलों के 21,551 विद्यालयों में 96,455 फुटबॉल वितरित करेगा।
भारतीय फ़ुटबॉल के दो सबसे बड़े नाम देश के अन्य हिस्सों में कई बार एक-दूसरे से मिल चुके हैं, लेकिन लखनऊ में उन्हें कभी लड़ने का मौका नहीं मिला। दरअसल, ईस्ट बंगाल ने अपने 104 साल के समृद्ध इतिहास में कभी भी उत्तर प्रदेश की राजधानी में नहीं खेला। 1889 में स्थापित मोहन बागान 69 साल बाद लखनऊ में मैदान पर उतरेगा। वे वहां एकमात्र बार 30 अगस्त, 1955 को खेले थे, जब उन्होंने लखनऊ XI के साथ एक प्रदर्शनी मैच 1-1 से ड्रा खेला था।
मैच से पूर्व मोहन बागान के कोच डेगी कार्डोजा ने बताया कि डर्बी हमेशा प्रशंसकों को उत्साहित करती है, चाहे वह जब भी और जहां भी खेला जाए।” “हम अच्छी तैयारी करना चाहते हैं, गंभीरता से मैच खेलना चाहते हैं और विजेता बनकर घर लौटना चाहते हैं।
कल हम जो मैच खेलने जा रहे हैं, वह निश्चित रूप से यूपी में खेल को बढ़ावा देगा। मुझे यकीन है कि यह राज्य के और अधिक युवाओं को खेलने और खेल में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा। मोहन बागान के कोच ने कहा, भविष्य में भारतीय फुटबॉल को राज्य से कई अच्छे खिलाड़ी मिलेंगे।दूसरी ओर ईस्ट बंगाल के कोच बिनो जॉर्ज ने भी हुंकार भरी। उन्होंने कहा कि हम बिना किसी संघर्ष के एक इंच भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
उन्होने कहा कि ईस्ट बंगाल और मोहन बागान पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी हैं और इनके प्रशंसकों की संख्या बहुत ज़्यादा है। जब भी दोनों टीमें आमने-सामने होती हैं, तो प्रशंसक भावुक हो जाते हैं। फुटबॉल खिलाड़ियों में भी भावनाएँ पैदा होती हैं।
आखिरकार, यह एक डर्बी है और इसे हमेशा की तरह ही जोश और उत्साह के साथ खेला जाएगा और प्रशंसकों ने पहले ही मैच के बारे में हमें संदेश भेजना शुरू कर दिया है। ईस्ट बंगाल के कोच ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के प्रमोशनल मैच को लखनऊ में आयोजित करने के फ़ैसले की बहुत सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे यूपी फुटबॉल को काफ़ी बढ़ावा मिलेगा।
इस मैच के लिए दर्शकों की इंट्री नि:शुल्क रहेगी ओर मैच का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। बताते चले कि 1925 में कोलकाता में अपनी प्रतिद्वंद्विता की शुरुआत के बाद से मोहन बागान सुपर जायंट और ईस्ट बंगाल एफसी देश भर के 22 शहरों में 340 बार एक-दूसरे से भिड़ चुके हैं लेकिन लखनऊ में पहली बार खेलेंगे।