अशोक बांबी
80 के दशक में एक मेहनती और एक बहुत सफल खिलाड़ी हुआ करते थे रुद्र प्रताप सिंह । अपनी मेहनत और लगन के बलबूते पर भारत के लिए दो एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेले ।
1980 के आसपास में इंग्लैंड में जाकर लंकाशायर में क्लब क्रिकेट खेला करते थे और धीरे-धीरे वहीं पर ही बस गए । उन्होंने लगभग 30 वर्ष लंकाशायर में एक प्रोफेशनल के तौर पर क्रिकेट खेली और वहां पर उन्होंने एक अंग्रेज कन्या से विवाह किया और बस गए।
उनके दो बच्चे हुए बड़ी एक लड़की है और छोटा एक बेटा । दोनों ही बच्चों की क्रिकेट में बहुत ही विशेष रुचि थी और दोनों ही काफी अच्छे खिलाड़ी उभर कर आए। बिटिया भी बहुत अच्छा खेलती थी और क्रिकेट में काफी आगे निकल जाती लेकिन उसने मेडिकल क्षेत्र में जाना ज्यादा उचित समझा और आज डॉक्टर बनने की पढ़ाई कर रही है।
बेटा हैरी सिंह बहुत ही प्रतिभाशाली खिलाडी निकला और उसने अपनी मेहनत क्रिकेट में जारी रखी । 17 साल की उम्र में इंग्लैंड टीम की अंडर-19 टीम में चयनित हुआ और दो वर्षों तक वह अंडर-19 टीम से इंग्लैंड की ओर से खेलता रहा । एक ओपनर खिलाड़ी के रूप में वह एक उदीयमान खिलाड़ी साबित हुआ और उसने श्रीलंका के खिलाफ अंडर-19 टेस्ट में एक शतक भी लगाया ।
तत्पश्चात उसको लंकाशायर काउंटी ने पिछले वर्ष एक प्रोफेशनल क्रिकेटर के रूप में अपनी टीम में शामिल किया और उसको परिपक्व करने के लिए लगातार सेकंड इलेवन से मैच खिलाया गया । इस वर्ष हैरी को कई मैचों में काउंटी में खेलने का मौका मिला । इस समय उनकी गिनती इंग्लैंड के उभरते हुए खिलाड़ियों में होती है ।
तीन दिन पूर्व एक बहुत ही एक बहुत ही सुखद घटना हुई जब हैरी को इंग्लैंड टीम में एक अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में बुलाया गया ।
यहां मैं बताना चाहूंगा कि इंग्लैंड में यह प्रचलन है की जहां भी उनका टेस्ट मैच होता है वह 14 चयनित खिलाड़ियों में से जब 11 की टीम एक दिन पूर्व घोषित कर दी जाती है तो बाकी के तीन खिलाड़ियों को उनको काउंटी क्रिकेट खेलने के लिए वापस भेज दिया जाता है और एक लोकल खिलाड़ी को बुलाकर उससे फील्डिंग कराई जाती है।
क्योंकि हैरी एक शानदार बल्लेबाज के साथ एक बहुत ही बेहतरीन फील्डर है तो इंग्लैंड की टीम मैनेजमेंट ने उनकी सेवाएं लेने का निर्णय लिया ।
बहुत अच्छा लगा जब हैरी सिंह मैदान में एक अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में आए और उन्होंने इंग्लैंड की ड्रेस भी पहनी । एक यादगार क्षण तभी आया जब उन्होंने श्रीलंकाई बल्लेबाज का एक अच्छा कैच भी पकड़ा। यह एक अभूतपूर्व घटना है जो की विशेष कर हम सभी लखनऊ वासियों के दिल में हमेशा रहेगी।
हम सभी उम्मीद करते हैं कि हैरी सिंह एक बेहतरीन खिलाड़ी उभर कर आएंगे और जल्दी ही इंग्लैंड की तरफ से एक ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में बैटिंग करते हुए नजर आएंगे।
मैं अपनी कलम के माध्यम से आरपी सिंह व उनके परिवार को मुबारकबाद देना चाहूंगा कि आखिरकार जो मेहनत व लगन से आरपी सिंह ने क्रिकेट खेली आज उनको उसका फल प्राप्त हो रहा है। शाबाश हैरी अपने पिता की तरह मेहनत करते रहो और शीघ्र ही इंग्लैंड की तरफ से खेलो।
(लेखक यूपी रणजी क्रिकेटर है हैं, इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं…ये जरूरी नहीं कि JubileePost या Jubilee मीडिया ग्रुप उनसे सहमत हो…इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है)