जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। पूरे देश में रक्षाबंधन का त्योहार इस साल 19 अगस्त, दिन सोमवार को मनाया जा रहा है। धर्म शास्त्रों की माने तो रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ये दिन भाई और बहनों के लिए बेहद खास है।
रक्षाबंधन 2024 के 6 शुभ संयोग
1. रवि योग: 05:53 ए एम से 08:10 ए एम तक.
2. सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 05:53 बजे से सुबह 08:10 बजे तक.
3. शोभन योग: सूर्योदय 05:53 ए एम से रात तक.
4. राज पंचक: शाम 07:00 पी एम से कल 05:53 ए एम तक.
5. अंतिम सावन सोमवार व्रत
6. सावन पूर्णिमा व्रत, स्नान और दान
राखी बांधने का मंत्र
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:,
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:.
रक्षाबंधन का पर्व कैसे हुआ आरंभ ?
पाताल के राजा राजा बलि के हाथ में लक्ष्मी जी ने राखी बांधी थी और उनको अपना भाई माना था और इसके बाद नारायण जी को आजाद किया था। ये दिन सावन पूर्णिमा का था। 12 साल इंद्र और दानवों के बीच युद्ध चला। इंद्र थक गए थे और दैत्य शक्तिशाली हो रहे थे।
इंद्र उस युद्ध से खुद के प्राण बचाकर भागने की तैयारी में थे। इंद्र की इस व्यथा को सुनकर इंद्राणी गुरु बृहस्पति के शरण में गई। गुरु बृहस्पति ने ध्यान लगाकर इंद्राणी को बताया कि यदि आप पतिव्रत बल का प्रयोग करके संकल्प लें कि मेरे पति सुरक्षित रहें और इंद्र के दाहिने कलाई पर एक धागा बांध दें, तो इंद्र युद्ध जीत जाएंगे। इंद्राणी ने ऐसा ही किया। इन्द्र विजयी हुए और इंद्राणी का संकल्प साकार हुआ। भविष्य पुराण में बताए अनुसार रक्षाबंधन मूलत: राजाओं के लिए था।
रक्षाबंधन पर भद्रा कब से कब तक?
रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया सुबह से ही है. भद्रा का प्रारंभ सुबह 05:53 ए एम से है और इसका समापन दोपहर 01:32 पी एम पर होगा। इस तरह से भद्रा का साया 7 घंटे 39 मिनट तक रहेगा. भद्रा के बाद ही राखी बांधनी चाहिए. रक्षाबंधन पर राहुकाल 07:31 ए एम से 09:08 ए एम तक है।