Monday - 28 October 2024 - 7:39 AM

पहले हां लेकिन फिर न…आखिर क्यों नहीं पहुंचे हेमंत नीति आयोग की बैठक में

जुबिली स्पेशल डेस्क

भले ही बीजेपी अकेले दम पर सरकार बनाने में नाकाम रही हो लेकिन उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर फिर से सरकार बना ली है। ऐसे में वो अपने सहयोगी दलों को हर संभव खुश रखने में लिए पूरी तरह तैयार है।

इसकी एक बजट में देखने को मिली। भले ही बिहार और आध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न मिला हो लेकिन तगड़ा आर्थिक पैकेज देकर फिलहाल नीतीश और नायडू को खुश जरूर कर दिया है।

उधर सरकार के इस बजट को लेकर विपक्ष ने पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट से नाराज विपक्ष ने विरोध की पूरी तैयारी कर ली है। कई विपक्षी नेताओं ने बजट को भेदभावपूण करार दिया है और कुछ ने इसे‘कुर्सी बचाओ बजट’ तक कह डाला है।

वहीं अब कांग्रेस के तीन मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लेने का ऐलान किया था। जबकि तामिलनाडू भी इस बैठक में हिस्सा नहीं लेगी जबकि ममता बनर्जी इस बैठक में हिस्सा लेंगी। वही अब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए है।

PHOTO : AGENCY

पहले कहा गया था वो हिस्सा लेंगे लेकिन फिर भी वह नहीं पहुंचे। आखिरी वक्त में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली इस मीटिंग का बायकॉट उन्होंने क्यों किया , इसको लेकर चर्चा का बाजार एक बार फिर गर्म हो गया है। हेमंत से पहले देश के 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक का बहिष्कार कर दिया।

माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन ऐसा इसलिए किया ताकि कांग्रेस पार्टी नाराज न हो। हेमंत सोरेन की सरकार को कांग्रेस का समर्थन मिला हुआ है और कांग्रेस की बैसाखी से अपनी सरकार को चला रहे हैं। इस वजह से उन्होंने नीति आयोग की बैठक से किनारा करने पर मजबूर होना पड़ा है। केरल के पी विजयन, तमिलनाडु के एमके स्टालिन और पंजाब के भगवंत मान ने भी मीटिंग का बायकॉट कर दिया है।

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