जुबिली न्यूज डेस्क
नीट यूजी पेपर लीक विवाद से संबंधित 38 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार को सुनवाई की. इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस जेबी पादरीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल हैं. मामले पर सुनवाई करते हुए CJI चंद्रचूड़ ने याचिककर्ता और एनटीए का पक्ष रखने वाले वकीलों से काफी सवाल पूछे. आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या सवाल-जवाब हुए।
CJI ने कहा- ये साफ है कि पेपर लीक हुआ है
CJI: ये साफ है कि पेपर लीक हुआ है। सवाल ये है कि इसका दायरा कितना बड़ा है। ये समझना जरूरी है कि पेपर लीक कितना व्यापक है? सिर्फ दो लोगों की चीटिंग की वजह से पूरा एग्जाम कैंसिल नहीं किया जा सकता। हम ये जानना चाहते हैं कि NTA और सरकार ने अब तक पेपर लीक के आरोपियों को पहचानने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
CJI ने कहा- लीक कैसे हुआ, ये महत्वपूर्ण
CJI: अगर छात्रों को परीक्षा की सुबह याद करने के लिए कहा जाता, तो लीक इतना व्यापक नहीं होता। अगर हम उन उम्मीदवारों की पहचान नहीं कर पाते हैं जो दोषी हैं, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा।
ये भी ध्यान देने की बात है कि लीक कैसे हुआ। अगर पेपर सोशल मीडिया से लीक हुआ तो लीक व्यापक हो सकता है। अगर लीक टेलीग्राम, व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से हुआ, तो ये जंगल की आग की तरह फैला हो सकता है। दूसरी ओर, अगर लीक 5 तारीख की सुबह हुआ है, तो इसके फैलने का समय सीमित रहा है।
CJI ने पूछा- प्रिंटिंग प्रेस तक कैसे जाते हैं पेपर
CJI: पेपर की सुरक्षा के क्या इंतजाम थे? NTA ने शहरों के बैंकों को पेपर कब भेजे? हम जानना चाहते हैं कि प्रिंटिंग प्रेस कौन सी है और ट्रांसपोर्ट की क्या व्यवस्था थी? पेपर किसी एक ने तैयार किया है या किसी और ने?
NTA: सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स का ग्रुप पेपर तैयार करता है।
CJI: हम सटीक तारीख जानना चाहते हैं कि पेपर कब बनाए गए और कब NTA को भेजे गए। वो प्रिंटिंग प्रेस कौन सी है जिसने पेपर छापे। इसे प्रिंटिंग प्रेस तक भेजने के लिए क्या व्यवस्था की गई थी। हमें प्रिंटिंग प्रेस का पता मत बताएं, नहीं तो अगले साल एक और पेपर लीक होगा। हमें बताएं कि इसे प्रिंटिंग प्रेस में कैसे भेजा गया और फिर एनटीए को वापस कैसे मिला।
CJI ने पूछा- किस आधार पर रीएग्जाम की मांग कर रहे हैं?
एडवोकेट हुड्डा: अगर सिस्टम के लेवल पर ही गड़बड़ी हुई है। अगर परीक्षा की इंटेग्रिटी भंग हुई है। अगर गलत तरीकों से रैंक लाने वालों की पहचान नहीं हो पा रही है। ऐसे में इस कोर्ट का कहना था कि हम ऐसे एक भी कैंडिडेट को आगे नहीं बढ़ने देंगे जिसने गलत तरीकों का इस्तेमाल किया है।
लाख छात्रों की परीक्षा रद्द करना बड़ी बात
सीजेआई की बेंच ने कहा कि ‘क्या हम अब भी गड़बड़ियों का लाभ लेने वाले छात्रों की पहचान कर रहे हैं? अगर हां, तो हमें पूरी परीक्षा रद्द करनी होगी। 24 लाख स्टूडेंट्स के लिए नीट एग्जाम कैंसिल करना बहुत बड़ी बात होगी। अगर हम एग्जाम कैंसिल नहीं करते हैं, तो हम फर्जीवाड़े का लाभ पाने वालों की पहचान के लिए क्या करने वाले हैं?’
तो नीट री टेस्ट का आदेश देना होगा- CJI
सीजेआई ने कहा है कि, ‘अगर स्टूडेंट्स को परीक्षा के दिन सुबह आंसर याद करने को दिए गए, तो हो सकता है कि लीक ज्यादा नहीं फैली हो। लेकिन अगर इस गलत काम में शामिल कैंडिडेट्स की पहचान नहीं कर पाते हैं, तो NEET Re-Test का आदेश देना होगा।’ उन्होंने कहा कि ‘माध्यम भी महत्वपूर्ण है। अगर माध्यम सोशल मीडिया है, तो लीक का दायरा भी बड़ा होगा।’
रीएग्जाम के लिए गुरुवार तक दर्ज हो सब्मिशन
CJI ने कहा, ‘रीएग्जाम की मांग कर रहे सभी याचिकाकर्ताओं के वकील गुरूवार तक एक कॉमन सेट कोर्ट में सब्मिट करें। ये 10 पेज से बड़ा नहीं होना चाहिए।’
सुप्रीम कोर्ट ने CBI और NTA से रिपोर्ट मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने CBI को निर्देश दिया कि एजेंसी NEET UG पेपर लीक मामले में अब तक हुई जांच की एक रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करे।
वहीं, NTA से कहा- कोर्ट NEET एग्जाम की ट्रांसपेरेंसी सुनिश्चित करने को लेकर चिंतित है, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। सरकार को इस पर एक्सपर्ट की मल्टी डिसिप्लिनरी टीम बनाने का विचार करना जरूरी है। अगर एक कमेटी बनाई जा चुकी है, तो उसकी पूरी डिटेल अदालत को दी जाए। इसके बाद कोर्ट ये तय करेगा कि कमेटी को काम करने की इजाजत दी जाए, या इसके गठन में बदलाव किया जाए।
नीट यूजी मामले की अगली सुनवाई कब होगी?
सीजेआई ने कहा है कि याचिकाकर्ता की तरफ से पेश सभी वकील 10 जुलाई तक इस बात पर अपनी दलीलें पेश करेंगे कि दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए और केंद्र तारीखों की पूरी सूची भी देगा. हम इस मामले को 11 जुलाई (गुरुवार) को सुन सकते हैं. सीबीआई भी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर सकती है.