जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। यूपी के हाथरस के फुलवाई गांव में मंगलवार को सत्संग में मची भगदड़ में अब तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अब भी सैकड़ों लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं लेकिन अभी तक पुलिस की गिरफ्त में बाबा नहीं आया है और फरार चल रहा है।
इस बीच एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। दरअसल इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार देव प्रकाश और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालांकि इस फिर में बाबा का नाम नहीं है वही इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। अब गिरफ्तारी को लेकर अखिलेश यादव ने सवाल उठाया है। अखिलेश यादव ने कहा है की छोटी-मोटी गिरफ्तारियां एक तरीके से अपनी नाकामी छुपाने के लिए है। गिरफ्तारियों की न्यायिक जांच की मांग की।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स उन्हें लिखे गए एक पत्र को शेयर करते हुए गिरफ्तारियों पर सवाल उठाए। ये चिट्ठी उन्हें हाथरस हादसे में पूछताछ के लाए गए रामलडैत यादव के बेटे अंकित यादव ने लिखी थी, जिसमें अंकित ने दावा किया है कि उसके पिता को घटनास्थल से दो किमी दूर थे लेकिन, फिर भी पुलिस उसके पिता को ले गई।
इस घटना से उनका कोई वास्ता नहीं है। सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा है कि उप्र शासन-प्रशासन ‘हाथरस हादसे’ में अपनी नाकामी छुपाने के लिए, छोटी-मोटी गिरफ़्तारियाँ दिखाकर सैकड़ों लोगों की मौत से अपनी ज़िम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है। अगर ऐसा हुआ तो इसका मतलब ये निकलेगा कि इस तरह के आयोजन में हुई शासनिक-प्रशासनिक विफलता से किसी ने कोई सबक नहीं लिया और ऐसी दुर्घटनाएँ भविष्य में भी दोहरायी जाती रहेंगी।
उन्होंने कहा, शासन-प्रशासन किसी खास मंशा से व्यर्थ में ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर रहा है, जो मूल आयोजन स्थल से दूर थे और गिरफ्तारी के बाद उनको ही दोषी ठहराये जाने की तैयारी कर रहा है। ये गिरफ्तारियां स्वयं में एक षड्यंत्र हैं। इन गिरफ्तारियों की तुरंत न्यायिक जांच हो, जिससे उप्र की भाजपा सरकार का खेल जनता के सामने लाया जा सके।
अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि ऐसे आयोजन से उसका कोई लेना-देना नहीं था, तो फिर भाजपा सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं। इस कार्यक्रम में आये अधिकांश गरीब लोग दुखी, शोषित, पीड़ित, वंचित, दमित थे, इस आधार पर इसका मतलब तो ये भी निकलता है कि ऐसे लोगों से भाजपा सरकार का कोई सरोकार नहीं है। जबकि सबसे पहले सरकार का ध्यान ऐसे लोगों की तरफ ही जाना चाहिए। निंदनीय!
उप्र शासन-प्रशासन ‘हाथरस हादसे’ में अपनी नाकामी छुपाने के लिए, छोटी-मोटी गिरफ़्तारियाँ दिखाकर सैकड़ों लोगों की मौत से अपनी ज़िम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है। अगर ऐसा हुआ तो इसका मतलब ये निकलेगा कि इस तरह के आयोजन में हुई शासनिक-प्रशासनिक विफलता से किसी ने कोई सबक़ नहीं लिया और… pic.twitter.com/JTopRml0SL
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 6, 2024