Tuesday - 30 July 2024 - 4:18 AM

हाथरस सत्संग कांड में FIR, लेकिन बाबा का नाम गायब

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ। यूपी के हाथरस के फुलवाई गांव में मंगलवार को सत्संग में मची भगदड़ में अब तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अब भी सैकड़ों लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं लेकिन अभी तक पुलिस की गिरफ्त में बाबा नहीं आया है और फरार चल रहा है।

इस बीच एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। दरअसल इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार देव प्रकाश और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. लेकिन पुलिस की इस एफआईआर पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि इसमें सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल क्या उनको बचाने की कोशिश की जा रही है।

अधिकारियों के अनुसार सत्संग के आयोजन के लिए अनुमति ली गई थी, लेकिन पुलिस से 80000 श्रद्धालुओं के शामिल होने की ही अनुमति मांगी गई थी। हालांकि ढाई लाख लोग पहुंच गए और उनकी संख्या को छिपाया गया है। ऐसे में ये भी सवाल है आयोजन में जब ढाई लाख पहुंच गए थे तब पुलिस क्यों देख पाई जबकि कार्यक्रम सुबह से चल रहा था।

हादसा या साजिश, दोषियों को नहीं बख्शेंगेः सीएम योगी 

इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने अपने सरकारी आवास पर प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि हमारी सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पूरी घटना की जांच करा रही है। हम इसकी तह में जाएंगे और देखेंगे कि यह हादसा है या साजिश।

इसके साथ ही सीएम योगी ने घटना पर राजनीति करने वाले दलों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि इस प्रकार की घटना पर पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाए राजनीति करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और निंदनीय भी। यह समय पीड़ितों के घावों पर मरहम लगाने का है, पीड़ितों के प्रति संवेदना का है। सरकार इस मामले में पहले से संवेदनशील है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

सीएम योगी ने कहा कि घटना अत्यंत दुखद और ह्दयविदारक है। अपराह्न तीन से साढ़े तीन बजे के बीच ये पूरा घटनाक्रम बताया जा रहा है।

जनपद हाथरस के सिकंदराराऊ के अंदर ये पूरा हादसा घटित हुआ है। वहां पर स्थानीय आयोजकों ने स्थानीय गांव में भोले बाबा का आयोजन सत्संग के माध्यम से आयोजित किया था और स्थानीय भक्तगण उसमें भाग ले रहे थे।

मंचीय कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सत्संग के प्रवचनकर्ता जब मंच से उतर रहे थे तब उनकी तरफ भक्तों की भीड़ जा रही थी और सेवादारों के रोकने पर वहां भगदड़ मची।

इस पूरे मामले की जांच के लिए एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में मंडलायुक्त अलीगढ़ को शामिल करते हुए एक टीम बनाकर अविलंब रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

घटना को देखते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी वहीं पर कैंप कर रहे हैं और प्रदेश सरकार के तीन मंत्री, चौधरी लक्ष्मी नारायण जी, संदीप सिंह एवं असीम अरुण वहां घटनास्थल पर कैंप करके घायलों को उपचार आदि की व्यवस्था में लगे हुए हैं।

प्रधानमंत्री  और गृह मंत्री  ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। भारत सरकार ने भी और राज्य सरकार ने भी मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल नागरिकों के लिए 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

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