Wednesday - 6 November 2024 - 7:46 AM

आज से New Criminal Laws लागू,जानिए क्या बदला

जुबिली स्पेशल डेस्क

जून का महीना खत्म हो गया है और जुलाई महीने की शुरुआत हो गई है। ऐसे में एक जुलाई से देश में कई अहम बदलाव आये हैं। उनमें सबसे अहम बदलाव है तीन नए आपराधिक कानून का लागू होना। एक जुलाई से पूरे देश में तीन नए आपराधिक कानून की शुरुआत हो गई है।

इसके तहत कई बदलाव किये गए है जिससे अब लोगों को जल्द न्याय मिल सकेंगा। देश के हर राज्यों में इसको लागू कर दिया गया है, कुछ राज्यों में इसको लागू कराने से पहले कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिससे लोगों को तीन नए आपराधिक कानून के बारे में अच्छी तरह से समझाया जा सके। इस कानून के लागू होने से भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में बहुत कुछ बदल गया है।

न्याय संहिताओं के नाम बदल गए 

  • इंडियन पीनल कोड (IPC) अब हुई भारतीय न्याय संहिता (BNS)
  • कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (CrPC) अब हुआ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)
  • इंडियन एविडेंस एक्ट (IEA) अब हुआ भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में हुए अहम बदलाव

  • भारतीय दंड संहिता (CrPC) में 484 धाराएं थीं, जबकि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में531 धाराएं हैं।इसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ऑडियो-वीडियो के जरिए साक्ष्य जुटाने को अहमियत दी गई है।
  • नए कानून में किसी भी अपराध के लिए अधिकतम सजा काट चुके कैदियों को प्राइवेट बॉन्ड पर रिहा करने की व्यवस्था है।
  • कोई भी नागरिक अपराध होने पर किसी भी थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करा सकेगा. इसे 15 दिन के अंदर मूल जूरिडिक्शन, यानी जहां अपराध हुआ है, वाले क्षेत्र में भेजना होगा।
  • सरकारी अधिकारी या पुलिस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी 120 दिनों के अंदर अनुमति देगी। यदि इजाजत नहीं दी गई तो उसे भी सेक्शन माना जाएगा।
  • एफआईआर दर्ज होने के 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र दायर करना जरूरी होगा। चार्जशीट दाखिल होने के बाद 60 दिन के अंदर अदालत को आरोप तय करने होंगे।
  • केस की सुनवाई पूरी होने के 30 दिन के अंदर अदालत को फैसला देना होगा। इसके बाद सात दिनों में फैसले की कॉपी उपलब्ध करानी होगी।
  • हिरासत में लिए गए व्यक्ति के बारे में पुलिस को उसके परिवार को ऑनलाइन, ऑफलाइन सूचना देने के साथ-साथ लिखित जानकारी भी देनी होगी।
  • महिलाओं के मामलों में पुलिस को थाने में यदि कोई महिला सिपाही है तो उसकी मौजूदगी में पीड़ित महिला का बयान दर्ज करना होगा।
Radio_Prabhat
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