जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा स्पीकर पद को लेकर अब खुलकर रार देखने को मिल रही है क्योंकि विपक्ष और सरकार में सहमति नहीं बन सकी है। इस वजह से स्पीकर पद को लेकर अब चुनाव होगा।
एनडीए की तरफ से ओम बिरला ने नामांकन दाखिल कर दिया है तो उनका मुकाबला विपक्ष की तरफ से खड़े हुए के सुरेश से होगा।
कहा जा रहा है कि विपक्ष ने मिलकर इस पर फैसला लिया है लेकिन बताया जा रहा था कि टीएमसी इसमें शामिल नहीं है क्योंकि इससे पहले टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि उनकी पार्टी से सलाह लिए बिना ही कांग्रेस के कोडिकुनिल सुरेश को उम्मीदवार बना दिया गया।
हालांकि अब इस मामले में टीएमसी ने खुलकर साफ कर दिया है और कहा है कि वह विपक्ष के स्पीकर पद के उम्मीदवार के सुरेश का समर्थन करेगी।
उनके इस फैसले से इंडिया बॉल्क में खुशी की लहर है और ममता ने बड़ी राहत दी है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना था कि परंपरा के अनुसार लोकसभा डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलना चाहिए और यदि सरकार पर इस सहमति देती है तो वह अध्यक्ष पद के लिए सरकार का समर्थन करेंगे।
वहीं इस मामले में टीएमसी का बयान काफी हैरान करने वाला था क्योंकि के सुरेश की उम्मीदवारी पर ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा था, किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया। कोई बातचीत नहीं हुई, दुर्भाग्य से यह एकतरफा फैसला है।
हालांकि इसके बाद विपक्ष की बैठक में टीएमसी भी मौजूद थी और इस बैठक में विपक्ष के बड़े चेहरे जैसे राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन, शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले, द्रमुक नेता टीआर बालू और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे। इसके बाद टीएमसी मान गई क्योंकि राहुल गांधी ने खुद ममता बनर्जी से बात की और स्पीकर पोस्ट के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के सुरेश का समर्थन करने की अपील की थी। इस पर ममता बनर्जी तैयार हो गईं।