जुबिली न्यूज डेस्क
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को संविधान बचाने के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस अंदर से दोनों की मिलीभगत है। भाजपा और कांग्रेस बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान को बदलने में जुटे हुए हैं।
अब यह जातिवादी, पूंजीवादी और सांप्रदायिक संविधान बनकर रह गया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण का लाभ न मिले या फिर यह निष्प्रभावी रहे इसकी कोशिश की जा रही है।
मायावती ने सपा पर भी निशाना साधा और कहा कि खुद को अनुसूचित जाति और जनजाति का हितैषी बता रही सपा ने पदोन्नति में आरक्षण लागू नहीं होने दिया। उन्होंने लोगों को इस साजिश से सावधान रहने की नसीहत दी।
जातिवार गणना पर भी विपक्ष दिखावा कर रहा है
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा तथा अन्य पार्टियों की सरकार गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए संविधान बचाने का नाटक कर रही हैं। जातिवार गणना पर भी विपक्ष दिखावा कर रहा है।
मायावती ने आरोप लगाया कि सत्ता और विपक्ष की दोनों की अंदरूनी मिलीभगत है। दोनों ही सत्ता विपक्ष की अंदरूनी मिलीभगत से जबरदस्ती संविधान बचाने का नाटक किया जा रहा। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ये दोनों ही भारतीय संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ये कतई उचित नहीं है।
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बीसपी चीफ ने कहा कि इन दोनों ने अंदर-अंदर मिलकर संविधान में इतने संशोधन कर दिए कि अब ये समतामूलक, धर्म निरपेक्ष नहीं, बल्कि पूंजीवादी, जातीवादी और सांप्रदायिक संविधान बनकर रह गया। ये दोनों ही आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं और एससी, एसटी, आदिवासी को संविधान का लाभ नहीं देना चाहते है।