जुबिली न्यूज डेस्क
सपा अपने 7 विधायकों की सदस्यता खारिज करवाएगी। पार्टी राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की दल-बदल कानून के तहत सदस्यता रद करने के लिए जल्द ही विधानसभा अध्यक्ष के सामने याचिका दायर करेगी। अगले महीने होने वाले विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले या सत्र के दौरान पार्टी इस प्रक्रिया आगे बढ़ा सकती है।
फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में सपा के 7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था। इसमें ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय, गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह, कालपी के विधायक विनोद चतुर्वेदी, चायल से विधायक पूजा पाल, जलालाबाद से विधायक राकेश पांडेय और बिसौली से विधायक आशुतोष मौर्य शामिल हैं।
पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी एवं अमेठी से विधायक महाराजी देवी भी मतदान के दौरान गैर-हाजिर रही थीं। हालांकि, उन पर कार्रवाई को लेकर फिलहाल पार्टी का रुख नरम है, लेकिन बाकी 7 विधायकों पर पार्टी कार्रवाई की विधिक प्रक्रिया आगे बढ़ाने जा रही है। इनमें कुछ विधायकों ने लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के पक्ष में खुलकर प्रचार किया था।
चुनाव में प्रचार को बनाएगी आधार
दल-बदल कानून के तहत सदस्यता खत्म कराने के लिए पार्टी को अध्यक्ष के सामने दिए गए आवेदन के साथ ही इसके लिए पर्याप्त आधार भी देने होते हैं। पार्टी छोड़कर दूसरे दल में शामिल होना, सदन में व्हिप का उल्लंघन करना भी कार्रवाई का आधार होता है। जानकारों का कहना है कि राज्यसभा चुनाव में केवल क्रॉस वोटिंग ही सदस्यता खत्म होने के आधार नहीं बनता। जब-जब सदन के भीतर पार्टी के व्हिप उल्लंघन जैसी गतिविधियों में सदस्य शामिल न हों। सदन के बाहर की गतिविधियों पर व्हिप लागू नहीं होता।