जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। अखिलेश यादव अब दिल्ली की राजनीति में ज्यादा सक्रिय होंगे। कन्नौज लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले अखिलेश यादव अब केंद्र की राजनीति में अपना फोकस करना चाहते हैं। उन्होंने कांग्रेस से मिलकर बीजेपी को बड़ा झटका दिया है।
उन्होंने पीडीए रणनीति पर काम करते हुए यूपी की 37 सीटों पर कब्जा कर शानदार वापसी की और अब वो यूपी में सपा को नई राह दिखा सकते हैं।
माना जा रहा है कि अखिलेश यादव जल्द ही दिल्ली की राजनीति में अपना ध्यान लगायेंगे और ऐसे में माना जा रहा है कि वो पीडीए की रणनीति की सफलता के बाद 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए सपा अध्यक्ष पीडीए को और मजबूत कर सकते हैं।भले ही अखिलेश यादव दिल्ली की तरफ रूख कर रहे हो लेकिन उनकी नजर यूपी के सीएम की कुर्सी पर है और इसी के तहत दिल्ली में रहकर 2027 विधान सभा चुनाव की तैयारी में जुट जायेगे।
लोकसभा चुनाव में सपा को जिस फॉर्मूले और एजेंडे पर विजय हासिल की है, उसे यूपी की विधानसभा से नहीं बल्कि लोकसभा के सदन से मजबूत करेंगे। इतना ही नहीं अखिलेश यादव की कोशिश है सपा को नेशनल पार्टी के तौर पर मजबूत किया जाये। उनके इस प्रदर्शन से कांग्रेस में भी नई जान आ गई है।
इससे पहले यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद संभालकर अखिलेश ने योगी सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया था और विधानसभा में रहकर वो सीधे तौर पर योगी को चुनौती देते थे लेकिन अब वो दिल्ली में रहकर सपा को मजबूत करेंगे और अगले विधान सभा चुनाव की तैयारी को अंतिम रूप देंगे।
उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 37 सीटें सपा जीतने में कामयाब रही और उन्होंने मुलायम के दौर की याद ताजा करा दी और जब मुलायम सिंह यादव के दौर में सपा 36 सीटें ही जीत सकी थी।
अखिलेश यादव भले ही अब दिल्ली में रहेंगे लेकिन उनकी असली नजर यूपी पर होगी। सपा का मानना है कि विधायक पद से इस्तीफा देने का मकसद यह नहीं है कि अखिलेश यादव यूपी छोड़ रहे हैं। सपा का अगला लक्ष्य 2027 का विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर बीजेपी को सत्ता से बाहर करना है।