जुबिली स्पेशल डेस्क
बीते कुछ दिनों से अमेठी और रायबरेली सीट को लेकर काफी चर्चा हो रही थी क्योंकि इस सीट से गांधी परिवार के सदस्य चुनाव लड़ते हैं लेकिन अमेठी को लेकर कांग्रेस ने बेहद चौंकाने वाला फैसला लिया है।
दरअसल स्मृति ईरानी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस से इस बार गांधी परिवार के बजाये किशोरी लाल शर्मा पर भरोसा जताया है।
कांग्रेस के इस फैसले से हर कोई हैरान है लेकिन बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने खास रणनीति के तहत ये फैसला लिया है।
कांग्रेस के इस रणनीति के पीछे पीडीए फॉर्मूला है। इस तरह से सपा की राह पर कांग्रेस भी चल पड़ी है और उसका भी पूरा फोकस पीडीए पर है।
इतना ही नहीं अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार के एल शर्मा के चार प्रस्तावकों में जाति के समीकरण पर फोकस करते हुए बनाया गया है।
उसमें एक पासी समाज, एक धोबी, एक बनिया और एक ब्राह्मण समाज से हैं. जानकारी के अनुसार विजय पासी- पूर्व विधानसभा प्रत्याशी कांग्रेस , राधेश्याम धोबी – पूर्व विधायक प्रदीप सिंघल- अमेठी कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेन्द्र मिश्रा – प्रदेश महासचिव केएल शर्मा के प्रस्तावक होंगे।
बता दें कि सपा भी पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और अगड़ों के सहारे पूरा लोकसभा चुनाव लड़ रही है और अखिलेश यादव ने अपनी हर रैली पर इस बात का फोकस करते हुए नारा देते हैं कि PDA और INDIA मिलकर NDA को हराएगा।
केएल शर्मा के बारे में
उनका पूरा किशोरी लाल शर्मा है और वो रायबरेली में जब सोनिया गांधी सांसद हुआ करती थीं तो वो उनके सांसद प्रतिनिधि के तौर पर काम करते थे। उनको गांधी परिवार का बेहद खास बताया जाता है।
इसके साथ कांग्रेस का पूरा काम वहीं देखते है। रायबरेली और अमेठी में वो कांग्रेस के सक्रिय सदस्य के तौर हमेशा एक्टिव रहते हैं।
पंजाब के रहने वाले किशोरी लाल शर्मा पहली बार 1983 में राजीव गांधी के साथ अमेठी पहुंचे थे। उसके बाद से वो लगातार कांग्रेस पार्टी के लिए काम करते रहे हैं। राजीव गांधी की मौत के बाद से वो दोनों क्षेत्रों में केएल शर्मा यहां कांग्रेस पार्टी के जो भी सांसद होते थे उनके लिए कार्य करते रहे थे।