जुबिली न्यूज डेस्क
अभी अप्रैल का महीना चल रहा है लेकिन सूरज आग उगल रहा है. लोग गर्मी की वजह से घरों से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं. वहीं इस गर्मी का असर चुनाव में भी देखने को मिल रहा है. दरअसल लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों की 201 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान हुआ था. लेकिन मतदान का प्रतिशत उम्मीद के मुताबिक काफी कम रहा.
जिससे सभी राजनीतिक दलों की चिंताएं बढ़ गई हैं. माना जा रहा है कि तपतपाती गर्मी के चलते लोग मतदान करने के लिए बूथों पर नहीं पहुंचे . जहां पहले अच्छी खासी वोटिंग होती थी वहां पहले चरण में मतदान काफी कम हुआ. कम मतदान पार्टियों के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है.
मतदान पर गर्मी का असर
पहले चरण में मतदान कम होने की वजह हीट वेव और भयंकर गर्मी को माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि गर्मी की वजह से ही लोगों में मतदाताओं में उत्साह की कमी रही. सात चरणों में होने वाले चुनाव का आखिरी चरण 1 जून को है ऐसे में आने वाले दिनों में कितनी गर्मी पड़ेगी ये समझा जा सकता है.
कम मतदान से बीजेपी परेशान
कम मतदान ने बीजेपी को भी परेशानी में डाल दिया है. इससे सीधे पार्टी के वोटों पर असर पड़ सकता है. ऐसे में इस कुदरती परेशानी से निपटने की रणनीति के लिए पार्टी ने काम करना शुरू कर दिया हूं. माना जा रहा है कि बीजेपी चुनाव आयोग से शाम में वोटिंग का समय बढ़ाने का आग्रह कर सकती है. ताकि दोपहर की तपतपाती धूप के बाद लोग शाम के समय मतदान कर सकें.
ये भी पढ़ें-यूपी में लू का कहर, इन जिलों में यलो अलर्ट जारी
इसके साथ ही पार्टी सभी पोलिंग बूथों पर मतदाताओं के लिए पानी, टेंट, कूलर लगाने का आग्रह कर सकता है. साथ ही सुबह के समय में ज्यादा से ज्यादा मतदान हो इस पर पार्टी खास ध्यान देगी. बीजेपी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया है की वो सुबह में ज्यादा से ज्यादा वोटरों को बूथ तक लाने की कोशिश करें ताकि लोगों को गर्मी और लू का सामना न करना पड़े.