जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: माफिया मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में CBI को झटका लगा है। कोर्ट ने सीबीआई की चार्जशीट को आधी अधूरी बता कर लौटा दिया है। दरअसल कोर्ट का कहना है कि CBI ने इस चार्जशीट में साजिश करने वालों का कोई जिक्र नहीं किया है। CBI ने बजरंगी के जेल शिफ्ट से लेकर हत्या की कड़ी को नहीं जोड़ पाई है। इसलिए कोर्ट ने सीबीआई को इन्वेस्टिगेशन जारी रखने का आदेश दिया है।
बता दे कि माफिया मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में 9 जुलाई 2018 को हुई हत्या के लिए एक-दो नहीं बल्कि चार हथियार आए थे। चारों हथियार 7.62 बोर के थे। इनमें से 3 असलहों का इस्तेमाल मुन्ना पर गोलियां दागने के लिए किया गया था। जबकि चौथा असलहा, जिसे पुलिस ने सेप्टिक टैंक से बरामद किया था, वह जांच को गुमराह करने के लिए लाया गया था। जिन 3 असलहों का इस्तेमाल किया गया उनमें से एक से पांच गोली, दूसरे से तीन और तीसरे से दो गोलियां दागी गईं। सीबीआई की चार्जशीट में आगरा एफएसएल (फरेंसिक साइंस लैबोरेट्री) और सीएफएसएल (सेंट्रल फरेंसिक साइंस लैबोरेट्री) की जांच रिपोर्ट और मौके से बरामद 10 खोखों की जांच के आधार पर यह दावा किया गया है।
सीबीआई की चार्जशीट में क्या है
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक चौथी पिस्टल, दो मैगजीन और 22 कारतूस जो सेप्टिक टैंक से बरामद हुए थे, उनका इस्तेमाल सुनील राठी ने बचने के लिए किया था। सीबीआई के मुताबिक यह एक प्री प्लान्ड मर्डर था। प्रत्यक्षदर्शी जेलकर्मियों और बंदियों के बयानों में भी यह बात सामने आई है। हत्याकांड के दौरान कोई बीच बचाव के लिए ना आए इसके लिए बबलू नंबरदार ने तन्हाई के मेन गेट पर ताला लगाकर उसकी चाभी सुनील राठी को दे दी थी।
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विक्रांत उर्फ विक्की नामक बंदी ने अपने बयान में सीबीआई को यह जानकारी दी थी। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में सुनील राठी, उसके सगे भाई अरविंद राठी, बबलू उर्फ नंबरदार, प्रवेंद्र और ओमबीर राठी को आरोपित बनाया है। हालांकि कोर्ट ने चार्जशीट को अधूरा मानते हुए संज्ञान लेने के बाद लौटा दिया है। साथ ही जल्द जांच पूरी करने का आदेश दिया है।