जुबिली न्यूज डेस्क
आज देशभर में धूमधाम से रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है. इस बार की रामनवमी बहुत विशेष है क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है. इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. रामलला का सूर्याभिषेक होगा. इस मौके पर राम मंदिर का विशेष श्रृंगार किया गया है.
रामनवमी के मौके पर राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं. कहा जा रहा है कि रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे. ऐसे में मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई है. दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक किया जाएगा.
रामनवमी के मौके पर रामलला का सूर्यतिलक का नजारा बहुत अद्भुत होगा. सूर्य की रोशनी मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगे पहले दर्पण पर पड़ेगी. यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में प्रवेश करेगी. पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण से टकराकर 90 डिग्री पर पुनः परावर्तित हो जाएंगी. फिर पीतल की पाइप से जाते हुए यह किरण तीन अलग-अलग लेंस से होकर गुजरेगी और लंबे पाइप के गर्भगृह वाले सिरे पर लगे शिशे से टकराएगी. गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के मस्तिष्क पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक लगाएंगी और लगातार पांच मिनट तक प्रकाशमान होंगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर लोगों को रामनवमी की बधाई दी है. पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, देशभर के मेरे परिवारजनों को भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव रामनवमी की अनंत शुभकामनाएं! इस पावन अवसर पर मेरा मन भावविभोर और कृतार्थ है. ये श्रीराम की परम कृपा है कि इसी वर्ष अपने कोटि-कोटि देशवासियों के साथ मैं अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा का साक्षी बना. अवधपुरी के उस क्षण की स्मृतियां अब भी उसी ऊर्जा से मेरे मन में स्पंदित होती हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि प्रभु श्रीराम भारतीय जनमानस के रोम-रोम में रचे-बसे हैं, अंतर्मन में समाहित हैं. भव्य राम मंदिर की प्रथम रामनवमी का यह अवसर उन असंख्य राम भक्तों और संत-महात्माओं को स्मरण और नमन करने का भी है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया.
एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, मुझे पूर्ण विश्वास है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जीवन और उनके आदर्श विकसित भारत के निर्माण के सशक्त आधार बनेंगे. उनका आशीर्वाद आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को नई ऊर्जा प्रदान करेगा. प्रभु श्रीराम के चरणों में कोटि-कोटि नमन और वंदन!