जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी इंडिया गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका है। इतना ही नहीं केजरीवाल को अभी तक कोर्ट से राहत नहीं मिली है और उन्हें कितने दिन जेल में रहना होगा ये किसी को पता नहीं है। ऐसे में दिल्ली सरकार कितने बची रहेगी ये भी एक बड़ा सवाल है।
दरअसल मंगलवार को ही उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गृह मंत्रालय को एक लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि केजरीवाल के जेल जाने के बाद सरकार के कामकाज की चर्चा को लेकर बैठक बुलाई गई थी, जिसमें मंत्रियों ने हिस्सा नहीं लिया।
इसके बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि मौजूदा सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है और राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
बता दें कि केजरीवाल को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है और अभी उनको कम से कम 15 अप्रैल तक तो जेल में रहना होगा। हालांकि वो बार-बार दावा कर रहे हैं कि वो जेल से सारा कामकाज देख रहे हैं लेकिन मंगलवार को ही उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गृह मंत्रालय को एक लेटर लिखी है।
इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि केजरीवाल के जेल जाने के बाद सरकार के कामकाज की चर्चा को लेकर बैठक बुलाई गई थी, जिसमें मंत्रियों ने हिस्सा नहीं लिया।
दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू करना संविधान के अनुच्छेद 239AB के अंतर्गत आता है. अगर मंत्रिमंडल सरकार नहीं चला पा रहा है तो उपराज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।
अनुच्छेद 239AB राष्ट्रपति को विधानसभा को निलंबित करने या पूरी तरह से भंग करने का अधिकार देता है. इसके अलावा राष्ट्रपति चाहें तो दिल्ली के सुचारू कामकाज के लिए कानून भी बना सकते हैं।
अब ये देखना होगा कि राज्यपाल अगला कदम क्या उठाते हैं या फिर उससे पहले ही सीएम की कुर्सी केजरीवाल छोड़ देंगे और किसी दूसरे नेता को सीएम बनाते हैं।