चैत्र नवरात्रि की शुरूआत आज से हो गई है. इन 9 दिनों में माता के नौ रूपों की आराधना की जाती है. इस बार नवरात्रि 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक चलेंगे.
मां शैलपुत्री का प्रिय रंग
देवी शैलपुत्री को सफेद रंग प्रिय है, हालांकि नारंगी और लाल भी देवी को अति प्रिय है. माना जाता है कि नवरात्रि के पहले दिन इन रंगों के कपड़े पहनने से माता रानी का विशेष कृपा बरसती है.
मां शैलपुत्री को लगाएं इन चीजों का भोग
मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं प्रिय हैं. इस दिन भोग में मां को सफेद मिष्ठान और घी अर्पित किए जाते हैं. मान्यता है कि मां दुर्गा को गाय के घी से बनी चीजें बेहद प्रिय हैं. मां शैलपुत्री को गाय के घी से बने बादाम के हलवे से का भी भोग लगा सकते हैं. इसके अलावा आप मिसरी या फिर बताशे का भी भोग मां को अर्पित कर सकते हैं.
मां शैलपुत्री का मंत्र
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
स्तुति: या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
मां शैलपुत्री की पूजा विधि
कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री को धूप, दीप दिखाकर अक्षत, सफेद फूल, सिंदूर, फल चढ़ाएं. मां के मंत्र का उच्चारण करें और कथा पढ़ें. भोग में दूध, घी से बनी चीजें चढ़ाएं. पूजा के बाद माता की आरती उतारें. हाथ जोड़कर अनजाने में हुई गलतियों की माफी मांगे और हमेशा आशीर्वाद बनाए रखने के लिए माता रानी से प्रार्थना करें.
मां शैलपुत्री की पूजा का शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना हमेशा अभिजीत मुहूर्त में ही करना चाहिए. आज अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक है. घट स्थापना के लिए यह मुहूर्त शुभ है. मां शैलपुत्री की पूजा भी इस शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए.
ऐसे करें कलश स्थापना
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह उठकर स्नान कर के साफ वस्त्र धारण करें. मंदिर की साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़क कर इसे शुद्ध कर लें. इसके बाद लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें. मिट्टी के एक पात्र में जौ बो दें. इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें. कलश में चारों ओर आम या अशोक के पत्ते लगाकर इसमें साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें. एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें और इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखें. घटस्थापना पूर्ण होने के बाद देवी का आह्वान किया जाता है.
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल की रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू हो चुकी है जो आज 09 अप्रैल को संध्याकाल 08 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी. नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाती है.
पहला मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 02 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त – 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक