जुबिली न्यूज डेस्क
ताइवान में बुधवार को भूकंप के तेज झटके आए हैं। करीब 7.4 की तीव्रता वाले इस भूकंप से कई इमारतों को भारी नुकसान हुआ और सड़कों में दरारे आ गई हैं। इसे ताइवान में बीते 25 साल में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप कहा गया है। भूकंप की तीव्रता को देखते हुए जापान और दूसरे पड़ोसी देशों में भी अलर्ट जारी किया गया है।
बता दे कि ताइवान एक ऐसा देश है, जहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। इसकी वजह इस देश की भौगोलिक स्थिति और बनावट है। ये द्वीप राष्ट्र दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है, इसकी वजह से ताइवान के लोग बार-बार भूकंप का सामना करते हैं।
ताइवान में बार-बार भूकंप आने की बड़ी वजह
ताइवान में बार-बार भूकंप आने की बड़ी वजह उसकी लोकेशन का पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर होना है। यहीं पर दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी स्थित हैं। यह वह जगह भी है जहां अधिकांश भूकंप आते हैं क्योंकि टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे के खिलाफ धक्का देती हैं, जिससे अचानक ऊर्जा निकलती है जिसके परिणामस्वरूप भूकंप आते हैं।
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“रिंग” प्रशांत प्लेट की सीमा से 25,000 मील (40,000 किलोमीटर) आर्क के साथ फिलीपीन सागर प्लेट जैसी छोटी प्लेटों से लेकर कोकोस और नाजका प्लेटों तक फैली हुई है जो प्रशांत महासागर के किनारे पर स्थित हैं। ज्वालामुखी विस्फोट और भूकंप से सबसे अधिक जोखिम वाले लोग रिंग ऑफ फायर के किनारे स्थित स्थानों में रहते हैं। इनमें चिली, जापान, अमेरिका के पश्चिमी तट और सोलोमन द्वीप से लेकर दक्षिण अमेरिका के समुद्र तट के इलाके शामिल हैं।
ताइवान का पूर्वी तट संवेदनशील
ताइवान का पूर्वी तट एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है लेकिन इसका भूगोल इसे संवेदनशील बनाता है। इसके नीचे शक्तिशाली टेक्टॉनिक फोर्स है। यह द्वीप जहां स्थित है, वहां फिलीपींस समुद्री प्लेट विशाल यूरेशियन प्लेट से मिलती है। ये आंसू की बूंद के आकार का द्वीप है जो अपने मध्य और पूर्वी तट पर फैले पहाड़ों को समेटे हुए है जो अक्सर झटके का अनुभव करता है। पूर्वी तट कम आबादी वाला क्षेत्र है लेकिन यहां घुमावदार सड़कें और रेल लाइन खड़ी चट्टानों से चिपकी हुई हैं। यहां की सड़कें दर्जनों सुरंगों से होकर गुजरती हैं।