जुबिली स्पेशल डेस्क
आज को विश्व जल दिवस के अवसर पर सी-कार्बन्स संस्था द्वारा शिवम भारत शिक्षायतन इन्टर कालेज लखनऊ के सहयोग से इस कालेज के परिसर मे जल संरक्षण विषय पर जागरुकता एवं संचेतना कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता डाॅ हीरा लाल पटेल आई ए एस विशेष सचिव सिचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत मे किसी न किसी रूप मे पर्यावरण को संरक्षित करने की परम्परा रही है।
यहाॅ पेड़ पौधो वनस्पतियो और नदियो की पूजा की जाती रही है जिससे वे संरक्षित रही हैं परन्तु आज उपेक्षित किए जाने के कारण और अधिकाधिक दोहन के कारण पानी के स्रोत सूखते जा रहे है और पानी की कमी भारी चिन्ता का विषय बन गया है।बच्चों को संबोधित करते कहा कि जल का सबसे अच्छा मित्र पेड़ है।
जहाॅ पेड़ है वहीं जल है।पेड़ की जड़ें जल को संरक्षित रखती हैं और पेड़ के पत्तो से ही ट्रान्सपाइरेशन की क्रिया द्वारा वाष्प कण वायुमंडल मे जाकर बादल बनाते है जिससे पानी बरसता है।इसलिए जल की उपलब्धता के लिए पेड़ लगाना नदियो को संरक्षित करना कुएं तालाब पोखरों को पुनर्जीवित करना समय की मांग है।
कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता श्री जे एस अस्थान आई एफ एस पूर्व प्रमुख वन संरक्षक उत्तर प्रदेश ने कहा कि धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से आच्छादित है और इसमे से 97 प्रतिशत पानी खारा है।
शेष 3 प्रतिशत मे भी दो भाग ग्लेशियर और बर्फ के रूप मे है।इस तरह एक प्रतिशत पानी ही मानव के उपयोग के लिए उपलब्ध है जिसका 65 प्रतिशत भाग कृषि कल कारखानो मे खपत होता है और केवल 35 प्रतिशत भाग खाने पीने नहाने साफ-सफाई मे खपत होता है। कहा कि इसका स्टाक सीमित है इसलिए इसका संरक्षण आवश्यक है। सी-कार्बन्स के अध्यक्ष वी पी श्रीवास्तव ने कहा कि जल के महत्व और स्वच्छ जल की उपलब्धता मे होती हुई कमी को देखते हुए जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए 1993 से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रति वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाने की घोषणा की गई थी।इस अवसर पर वैश्विक संदेश फैलाने के लिए राष्ट्र संघ द्वारा प्रति वर्ष एक थीम अर्थात विषय का चयन किया जाता है ।
वर्ष 2024 के लिए यह थीम वाटर फार पीस अर्थात “शान्ति के लिए जल” है। यह जल के महत्व और और उसकी चिन्ता को परिलक्षित करता है कि आज जल समृद्धि और विश्व शान्ति के लिए कितना महत्वपूर्ण है।इस अवसर पर सी-कार्बन्स द्वारा स्कूल के छात्रों के मध्य अलग अलग दो ग्रुप बनाकर जल संरक्षण विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित कराई गयी थी जिसमे 10 छात्रो को पुरस्कृत किया गया।