जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार की राजनीति में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। जब से नीतीश कुमार ने लालू यादव का साथ छोड़ मोदी के साथ गए तब से वहां पर एनडीए और इंडिया गठबंधन में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। एनडीए का सीट शेयरिंग फॉमूर्ला तय हो गया है लेकिन इसमें पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं दी गई तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी भी बिहार में अब पहले से ज्यादा मजबूती से चुनाव लडऩे का दावा कर रही है। दरअसल कांग्रेस के साथ अब पप्पू यादव भी आ गए है।
दरअसमल पप्पू यादव लगातार इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए जोर लगा रहे थे और लालू यादव और तेजस्वी यादव से गुहार लगा रहे थे लेकिन उनको इंडिया गठबंधन में जगह नहीं दी गई लेकिन बुधवार की सुबह में अचानक से पूरा माहौल ही बदल गया है। इतना ही नहीं लालू यादव और तेजस्वी यादव के साथ तस्वीर पोस्ट करते हुए सोशल मीडिया पर पप्पू यादव ने लिखा- पारिवारिक माहौल में एनडीए को हराने की रणनीति पर चर्चा हुई। इसके कुछ देर बाद ही पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया है।
अब चर्चा इसे लेकर हो रही है कि जो तेजस्वी यादव कुछ महीने पहले तक पप्पू यादव से फोन पर बात करना, कांग्रेस उनका साथ जरूरी नहीं समझ रही थी।
लेकिन अचाकन से कैसे इंडिया गठबंधन में पप्पू यादव को शमिल कर लिया गया। इसको लेकर कई जानकारों का मानना है कि नीतीश के जाने के बाद विपक्षी गठबंधन एक-एक वोट के लिए अलग रणनीति बना रहा है और वो इसी के तहत कांग्रेस ने पप्पू यादव को अपनी तरफ लिया है।
वहीं उनकी पत्नी कांग्रेस नेता रंजीत रंजन भी चाहती थी कि वो कांग्रेस का हिस्सा बने। राजनीतिक को कवर करने वाले कई दिग्गजों की माने तो पप्पू यादव की पार्टी अलग चुनाव लड़ती तो निश्चित तौर पर इंडिया गठंबधन को नुकसान उठाना पड़ सकता था।
पप्पू यादव की मांग कोई बड़ी मांग नहीं है वो सिर्फ पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लडऩा चाहते हैं। कांग्रेस उनको पूर्णिया से टिकट देने को तैयार है और इसको लेकर जल्द फैसला लिया जा सकात है। इतना ही नहीं पप्पू यादव जमीन से जुड़े नेता और उन्होंने कोरोना और बाढ़ के वक्त गरीबों की खूब मदद की है।
इससे उनकी जीत के आसार है और इंडिया गठबंधन को फायदा मिलना तय माना जा रहा है। वहीं यादव वोट बैंक भी बिखरने से बचेगा। वहीं लालू यादव के करीब माने जाने वाले पप्पू यादव के आने से लालू को मजबूती मिलेगी क्योंकि आनंद मोहन के परिवार का लालू से दूरी बनाकर अब नीतीश की तरफ जा चुका है। अब पप्पू यादव के आने से कोसी-सीमांचल क्षेत्र कांग्रेस और आरजेडी को फायदा मिलेगा।