जुबिली स्पेशल डेस्क
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीट शेयरिंग से नाराज लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष पशुपति पारस ने मंगवार को बड़ा कदम उठाते हुए मोदी कैबिनेट से किनारा कर लिया है।
उन्होंने मंगलवार को प्रेस वार्ता कर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि उन्होंने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके साथ बड़ी नाइंसाफी हुई है। इस वजह से वो अब मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे रहे हैं। पशुपति पारस ने कहा, ”मैंने लगन और वफादारी से एनडीए की सेवा की, लेकिन मेरे साथ व्यक्तिगत तौर पर नाइंसाफी हुई। आज भी मैं पीएम मोदी का शुक्रगुजार हूं।
उन्होंने आगे कहा कि ”जितना बोलना था, उतना बोल दिया है. भविष्य की राजनीति हम अपनी पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से बैठकर तय करेंगे।
” पशुपति पारस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा, ”महोदय, आपको अवगत कराना है कि कुछ अपरिहार्य कारणों से मैं मंत्रिपरिषद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं. इस दौरान मंत्री परिषद के सदस्य के नाते मुझ पर अपना विश्वास जताने के लिए आपका धन्यवाद। ”
सीट शेयरिंग फॉर्मूले के अनुसार बिहार की 40 में से 17 सीटों पर बीजेपी, 16 पर जेडीयू, पांच पर एलजेपी और बची दो सीटों में से एक-एक पर हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा (हम) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा के खाते में दी गई है।
एनडीए ने जैसे ही इसका ऐलान किया तो वैसे ही वहां पर एनडीए के कुनबे में रार मच गई है। इसका सबसे बड़ा कारण है पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं देना और उपेंद्र कुशवाहा को सिर्फ एक सीट देना। दोनों ही अब खुलकर एनडीए के खिलाफ नजर आ रहे हैं और अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।