जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव बेहद करीब है। चुनाव आयोग इस हफ्ते लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकती है। इसको लेकर चुनाव आयोग ने राज्यों में बात कर ली है और वो जल्द तारीखों का ऐलान कर सकती है।
दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार कई ऐसे फैसले ले रही है जिससे उसे आने वाले दिनों में फायदा हो सकता है। पहले राम मंदिर अब नागरिकता संशोधन कानून लागू कर लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चलने का काम किया है।
नागरिकता संशोधन कानून के तहत अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम अप्रवासी भी भारत के नागरिक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं लेकिन ये सुविधा मुसलमानों को लेकर नहीं होगी।
मोदी सरकार ने काफी पहले इसे संसद में पास करा लिया था लेकिन उस वक्त विरोधी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया था। इस वजह से उस वक्त लागू नहीं हो सका था लेकिन अब इसे लागू कर दिया है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन कानून का जिन्न इस बाहर भी निकला है और लागू भी हो गया है।
सरकार के इस कदम से मुस्लिम समुदाय अपने आप को अकेला महसूस कर रहे हैं क्योंकि नागरिकता संशोधन कानून सिर्फ हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को लाभ पहुंचाने का काम करेंगा लेकिन मुस्लिम के ऐसा नहीं है। दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के इस कदम से हिन्दुओं का वोट अपनी तरफ खींचने का काम करेगी।
इसके लागू होने से देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय मुसलमानों के लिए बड़े झटके के तौर पर देखी जा रही है। चार साल पहले ये कानून विपक्ष के विरोध की वजह से ठंडे बस्ते में था लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू होने से वोट बैंक की सियासत को बल मिल सकता है।
सरकार द्वारा ईसाई समुदाय के घुसपैठियों को भी भारत की नागरिकता देने के फैसले लिया है लेकिन मुस्लिम समुदाय को नहीं, इसके पीछे वो तर्क दे सकती है कि उसके पड़ोसी तीनों देश चूंकि मुस्लिम बहुल हैं, ऐसे में मुस्लिम समुदाय भारत में वैधता कैसे दी जायेगी? चुनाव से ठीक पहले लागू होने से इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
चुनाव के करीब लागू होने से विपक्ष भी इसका खुलकर विरोध नहीं कर सकता है क्योंकि हिन्दु वोट बैंक उसके हाथ निकल सकता है। इस वजह से लोकसभा चुनाव से सरकार के इस फैसले का सीधा लाभ एनडीए को मिलता हुआ नजर आ रहा है।