Monday - 28 October 2024 - 11:58 PM

वो चार एस्ट्रोनॉट कौन हैं जिन्हें भारत अंतरिक्ष भेजेगा

जुबिली न्यूज डेस्क

इसरो के गगनयान मिशन के लिए चार एस्ट्रोनॉट के नाम सामने आ गए हैं जो अंतरिक्ष में जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनके नामों का ऐलान कर दिया है. इससे पहले उन्होंने गगनयान मिशन की प्रगति की समीक्षा की और नामित अंतरिक्ष यात्रियों से मिलकर शुभकामनाएं दीं. 

पीएम मोदी ने जिन नामों का ऐलान किया उनमें फायटर पायलट प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला शामिल हैं. इनमें प्रशांत केरल के पलक्कड़ के नेनमारा के मूल निवासी हैं, जो वायु सेना ग्रुप कैप्टन के रूप में कार्यरत हैं.

ये चारों एस्ट्रोनॉट भारत में हर तरह के फाइटर जेट्स उड़ा चुके हैं. इसलिए फाइटर जेट्स की कमी और खासियत जानते हैं. इन सभी की ट्रेनिंग रूस के जियोजनी शहर में स्थित रूसी स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में हुई है. अभी ये सब बेंगलुरु के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में रहकर ट्रेनिंग ले रहे हैं. 

सेलेक्शन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) ने गगनयान मिशन के लिए एस्ट्रोनॉट चुनने के लिए ट्रायल लिया था. इसमें देशभर से सैकड़ों पायलट पास हुए थे. इनमें से टॉप 12 का चयन किया गया. कई राउंड के बाद सेलेक्शन का प्रोसेस फाइनल हुआ और वायुसेना के चार पायलटों को इस मिशन के लिए चुना गया.  

इसरो ने इन चारों पायलट को आगे की ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा था. लेकिन कोरोना की वजह से ट्रेनिंग लेट हो गई. यह 2021 में जाकर पूरी हुई. रूस में इन पायलटों ने कई तरह की ट्रेनिंग ली है. ट्रेनिंग के दौरान पायलट लगातार उड़ान भी भरते रहे और अपने फिटनेस पर ध्यान भी दे रहे हैं. खास बात ये है कि इन चारों को गगनयान मिशन के लिए नहीं भेजा जाएगा बल्कि फाइनल उड़ान पर सिर्फ 2 या 3 पायलट ही मिशन के लिए चुने जाएंगे. 

गगनयान को 2025 में लॉन्च किया जाना है. इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में इसरो ने श्रीहरिकोटा से गगनयान स्पेसक्रॉफ्ट को लॉन्च किया था. यह परीक्षण यह जानने के लिए किया गया था कि क्या रॉकेट में खराबी की स्थिति में एस्ट्रोनॉट सुरक्षित रूप से बच सकते हैं. 

गगनयान मिशन के तहत तीन एस्ट्रोनॉट को तीन दिन के लिए 400 किलोमीटर दूर पृथ्वी की निचली कक्षा तक भेजा जाएगा. इसके बाद उन्हें पृथ्वी पर सुरक्षित लाया जाएगा. इसके लिए ‘क्रू मॉड्यूल’ रॉकेट का इस्तेमाल होगा. भारत के लिए ये मिशन काफी अहम है. अगर यह सफल रहता है, तो अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा. 

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