यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने की घटना को लेकर योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने पेपर को रद्द करने का ऐलान किया है. सीएम योगी ने बताया कि 6 महीने के अंदर ही फिर से परीक्षा कराई जाएगी. सीएम योगी ने कहा कि युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी. बता दें कि पेपर लीक कराने वाले एसटीएफ की रडार पर हैं और अबतक कई बड़ी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
बता दें कि कथित उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती मामले में भर्ती बोर्ड ने इंटरनल जांच के लिए एक जांच कमेटी की गठन कर दिया गया है. एडीजी रैंक के अधिकारी इस जांच कमेटी को हेड कर रहे हैं और भर्ती बोर्ड के पास अब तक तकरीबन 1500 शिकायतें अभ्यर्थियों के द्वारा e mail से भेजी गई हैं. इंटरनल समिति इन्हीं शिकायत की जांच करके पता लगाएंगे कि वाकई में एग्जाम से पहले पेपर लीक हुए थे या नहीं? आपको बता दे की अभ्यर्थी लगातार री एग्जामिनेशन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.
इस कमेटी की जांच ADG अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हो रही है. पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा ने यह कमेटी बनाई है. रेणुका मिश्रा के मुताबिक कमेटी के जांच के बाद ही दूध का दूध पानी का पानी हो पाएगा. इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की तरफ से सभी अभ्यर्थियों को बीते शुक्रवार शाम 6:00 बजे तक एविडेंस के साथ पेपर लीक मामले में ईमेल पर शिकायत भेजने के लिए कहा गया था.
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बीते शुक्रवार शाम 6:00 बजे तक तकरीबन 1500 शिकायतें अभ्यर्थियों के द्वारा पुलिस भर्ती बोर्ड को भेजे गए हैं। यही नहीं कुछ टीचर और अभ्यर्थियों ने बकायदे भारती बोर्ड के सामने जाकर प्रेजेंटेशन दिए हैं और ज्ञापन सौंप हैं कि उन्हें क्यों लगता है की पेपर लीक हुए हैं ??