जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अचानक से लालू यादव और कांग्रेस से नाता तोड़ा लिया था और फिर से बीजेपी के साथ जाकर फिर से सरकार बना ली और नौवीं बार मुख्यमंत्री बन गए है लेकिन उनको अभी बहुमत साबित करना होगा। स्थानीय मीडिया की माने तो 12 फरवरी को उन्हें विधानसभा में बहुमत हासिल करना है।
बिहार में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार की सियासत में हलचल साफ देखी जा सकती है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार को बहुमत साबित करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि लालू यादव काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं जबकि तेजस्वी इस बार नीतीश कुमार को सबक सीखाने के मुड में नजर आ रहे हैं।
ऐसे में नीतीश कुमार की सरकार बचती है या नहीं ये एक बड़ा सवाल है। वहीं आरजेडी ने अपने विधायकों को बैठक के लिए बुलाकर तेजस्वी यादव के आवास पर रोका है। स्थानीय मीडिया ने बताया है कि ये बैठक तीन घंटे चली है और बिहार की मौजूदा सियासत पर गहन मंथन किया गया है। इसके बाद विधायकों को तेजस्वी के पांच देश रत्न मार्ग स्थित आवास पर रोका गया। अभी इसके बारे में और जानकारी नहीं मिली है लेकिन बिहार में सियासी माहौल पूरी तरह से बदला हुआ नजर आ रहा है।आरजेडी ने अपने विधायकों को 12 फरवरी के दिन सदन में मौजूद रहने का व्हिप जारी किया है।
दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायको को वहां से वापस बुला लिया और हैदराबाद में शिफ्ट कर दिया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के सभी विधायकों को विश्वास प्रस्ताव से एक दिन पहले पटना लाया जायेगा।
आखिर विधायकों के टूटने की आशंका के पीछे कोई बड़ा सियासी खेल भी होने की बात कही जा रही है। तेजस्वी यादव ने भी नीतीश कुमार के पाला बदलने पर तीखा हमला बोला था और कहा था कि अभी खेल होना बाकी है।