जुबिली न्यूज डेस्क
भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का एलान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद सोशल मीडिया साइट एक्स पर इसका एलान किया है.
उन्होंने लिखा, ”मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी.”
”हमारे समय के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक रहे आडवाणी जी का भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उनका सफ़र ज़मीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर उप प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का रहा है. उन्होंने गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई. उनकी संसदीय यात्रा अनुकरणीय और समृद्ध नज़रिए से पूर्ण रही है.”
अब से क़रीब 10 दिन पहले 23 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का एलान किया गया था. केंद्र सरकार किसी एक साल में अधिकतम तीन लोगों को भारत रत्न का सम्मान दे सकती है.
कौन हैं लालकृष्ण आडवाणी?
भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है. उनके पिता पेशे से एक उद्यमी थे. शुरुआती शिक्षा उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से ग्रहण की थी.
इसके बाद वह हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया. विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई आकर बस गया. यहां उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की. उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है. उनके बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है.
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आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं. इससे पहले वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रह चुके हैं. वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी.
10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.