जुबिली न्यूज डेस्क
समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सोलह प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसके साथ ही सपा ने 2024 का आग़ाज़ कर दिया है. लेकिन इस आगाज चंद घंटों बाद ही सपा को करारा झटका लगा है. अखिलेश यादव ने जैसे सपा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की, उसके कुछ समय बाद है उनके क़रीब और दिग्गज नेता मनोज यादव ने पार्टी को छोड़ने का एलान कर दिया.
बता दे कि वो कई वजहों को लेकर नाराज़ बताए जा रहे थे. अखिलेश यादव ने पहली सूची में मैनपुरी लोकसभा सीट से एक बार फिर अपनी पत्नी डिंपल यादव को ही टिकट दिया है. पार्टी की ओर से जैसे ही डिंपल यादव के नाम का एलान किया गया मैनपुरी में सपा नेता और उद्योगपति मनोज यादव ने पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया.
मनोज ने पार्टी में चाटुकारिता और एक दूसरे की टांग खिंचाई करने का आरोप लगाया. इसके साथ ही उन्होंने सपा में पारिवारिक कलह को भी पार्टी छोड़ने की बड़ी वजह बताया है.
अखिलेश यादव के करीबी रहे हैं मनोज यादव
मनोज यादव करहल विधानसभा के नगला राजा के रहने वाले हैं. ये वही सीट हैं जहां से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधायक हैं. मनोज यादव लोक निर्माण विभाग में काम करते थे, जिसके बाद वो अखिलेश यादव के संपर्क में आए और सपा में शामिल हो गए. साल 2016 में वो सपा की टिकट पर ब्लॉक प्रमुख भी रह चुके हैं. राजनीति के साथ वो आरसीए ग्रुप के चेयरमैन भी हैं.
सपा पर आरोप बीजेपी की तारीफ
ख़बरों के मुताबिक मुलायम सिंह के निधन के बाद मैनपुरी उपचुनाव में मनोज यादव ने सपा को काफ़ी सपोर्ट किया था और डिंपल यादव को चुनाव जिताने में उनकी सक्रिय भूमिका रही. पार्टी से इस्तीफ़ा देने के बाद उन्होंने सपा पर कई गंभीर आरोप भी लगाए और बीजेपी सरकार की तारीफ़ की.
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उन्होंने कहा कि सपा सरकार में काम के लिए उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता, लेकिन योगी सरकार में काम पारदर्शिता से होता है और उनके पास अब काफ़ी काम है. मनोज यादव के पार्टी छोड़ने पर सपा की ओर से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है.