जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव बेहद करीब है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों इस वक्त लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। जहां एक ओर बीजेपी ने राम मंदिर के सहारे एक बार फिर सत्ता में लौटने का पूरा जोर लगाया तो दूसरी ओर राहुल गांधी इस वक्त भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा भाग कर रहे हैं।
अब ये देखना होगा कि राहुल गांधी की यात्रा से उनको कितना फायदा होता है लेकिन मोदी लगातार विपक्ष को गहरा जख्म देने में लगे हुए है। मोदी हर वो दांव चल रहे जिससे आने वाले समय में विपक्ष को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
वोट बैंक पर कैसे अपनी पकड़ को मजबूत किया जाये बीजेपी को अच्छी तरह से आता है। मोदी सरकार ने चुनाव से ठीक पहले एक और बड़ा ऐलान किया है और ये ऐलान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को लेकर है। दरअसल मोदी सरकार कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती के मौके पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को इस साल ‘भारत रत्न’ (मरणोपरांत) से सम्मानित करने का बड़ा फैसला किया है।
उनके इस फैसले से विपक्ष को गहरी बेचैनी महसूस हो सकती है। कर्पूरी ठाकुर को ये सम्मान मरणोपरांत दिया जाएगा। इसका ऐलान तब किया जा रहा है जब बुधवार (24 जनवरी) को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती है। इसके पीछे की सियासत को समझने की जरूरत है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार का ये कार्ड, उनको बिहार में अच्छी बढ़त दिला सकता है। दरअसल कर्पूरी ठाकुर को बिहार का जननायक के तौर पर देखा जाता है। ओबीसी वोट बैंक के तौर इस ऐलान को देखा जा रहा है। कर्पूरी ठाकुर देश में सबसे पहले पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया इतना ही नहीं देश में सबसे पहले महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने का श्रेय भी उनको ही जाता है। हालांकि बाद में ये फैसला खत्म कर दिया गया था।
नीतीश कुमार हाल में कई मौकों पर कर्पूरी ठाकुर के लिए ‘भारत रत्न’ की मांग कर चुके हैं। इसके साथ ही नीतीश ने EBC और OBC वोटर्स पर अपनी पकड़ बनाने के लिए लगातार प्लान बना रहे हैं लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने उनकी इस मांग को पूरा कर दिया और साथ पूरा श्रेय अपने हिस्से में लेने से भी नहीं चूके हैं।
राजनीति में कर्पूरी ठाकुर का कद काफी बढ़ा था और वोट बैंक के हिसाब से उनका कद काफी बढ़ा कहा जा सकता है क्योंकि उनकी विरासत वोट बैंक के रूप में 36 प्रतिशत से अधिक है। इस वोट बैंक पर लालू और नीतीश अपनी पकड़ बनाना चाहते हैं और अब इसी पर बीजेपी की भी नजर है। मोदी सरकार के इस फैसले को वोट बैंक से जोडक़र भी देखा जा रहा है।