जुबिली न्यूज डेस्क
उल्हासनगर की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है। इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को डर सता रहा है कि उनकी सुपारी देकर कोई हत्या कराने का षडयंत्र रच रहा है। जिला अध्यक्ष ने पुलिस उपायुक्त को पत्र दिया है, जिसमें अपनी ही पार्टी के तीन नेताओं पर गोली चलाए जाने की बात लिखी है।
इस मामले में उनका नाम आएगा। जिन लोगों ने सुपारी दी है, उनकी नारकोटिक्स जांच कराई जाए। बीजेपी जिला अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी ने पुलिस को लिखे पत्र में सूचित किया है कि यह सुपारी 25 लाख रुपये में दी गई है और उन्हें फंसाने का षडयंत्र रचा गया है।
बता दे कि बीजेपी जिला अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी का एक पत्र वायरल हुआ है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि कुछ लोग उन्हें फंसाना चाहते हैं। उन्हें फंसाने के लिए बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष जमनू पुरस्वाणी, महाराष्ट्र सिंधी साहित्य के कार्याध्यक्ष महेश सुखरमणि और बीजेपी के नेता अमित वाधवा पर गोली चलाई जाएगी। इस बारे में उन्होंने उल्हासनगर के उपायुक्त सुधाकर पठारे को पत्र लिखा है। इस मामले में जब पठारे से बात की गई, तो उनका कहना था कि एक पत्र मिला है, इस बारे में जांच चल रही है। जल्द ही खुलासा होगा।
महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी-एनसीपी की सत्ता है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री गृह मंत्री देवेंद्र फणवनीस खुद बीजेपी के हैं। यहां बीजेपी के ही विधायक कुमार आयलानी हैं। इसके बावजूद उल्हासनगर के नेताओं पर फायरिंग होने की खबरें उड़ रही हैं। इस बारे में महेश सुखरमणि का कहना है कि हमारी जान को खतरा है। हमने पुलिस उपायुक्त को पत्र दिया है। इस मामले की जांच कराने और सुरक्षा प्रदान करने की अपील की गई है।
इस बारे में अमित वादवा का कहना है कि सभी लोगों की नारकोटिक्स जांच की जानी चाहिए, जिसे सच्चाई सामने आ सके। यह सब साजिश जिसने भी रची है, पुलिस की सुरक्षा लेने के लिए ही उसी ने यह अफवाह फैलाई है। यह अफवाह जो भी फैला रहा है, उसको सजा मिलनी चाहिए।
उल्हासनगर की पॉलिटिक्स चरम सीमा पर
बता दें कि उल्हासनगर में बीजेपी के कई ग्रुप हैं। विधायक का अलग ग्रुप है, तो वहीं जिला अध्यक्ष का अलग गुट। कुछ लोग कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौहान को मानने वाले हैं, तो वहीं कुछ लोग नितिन गडकरी के समर्थक हैं। कुछ गुट उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फणवनीस के समर्थक हैं। लोकसभा चुनाव में पॉलिटिक्स ज्यादा नहीं हो पाएगी, लेकिन विधानसभा और मनपा के चुनाव में उल्हासनगर की पॉलिटिक्स चरम सीमा पर होगी।