जुबिली स्पेशल डेस्क
कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर बड़ा एक्शन हुआ था। दरअसल कैश फॉर क्वेरी मामले में अब उनकी संसद सदस्यता चली गई।
अब उनके जेल जाने की तलवार भी लटक रही है क्योंकि एथिक्स कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की सांसदी रद्द करने के साथ ही इस पूरे मामले की कानूनी जांच कराने की सिफारिश की थी।
ऐसे में अब फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के आपराधिक पहलुओं की जांच होने की बात सामने आ रही है। इस बीच टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने के लिए बोला गया है लेकिन इसके बाद भी वह सांसदों को अलॉट होने वाले सरकारी बंगले में ही रह रही हैं।
अब टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला था । अब संसद में घूस लेकर सवाल पूछने के आरोपों में सांसदी जाने के बाद अब तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करना होगा। दरअसल महुआ को बंगला खाली करने के लिए डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने मंगलवार (16 जनवरी) को नोटिस भेजा था , नोटिस के खिलाफ महुआ ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. अब दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।
टीएमसी नेता को संपदा निदेशालय की तरफ से नोटिस जारी किया गया है. संपदा निदेशालय सरकारी संपत्तियों को मैनेज करने का काम करता है।
बता दे नोटिस में कहा गया है कि अगर महुआ खुद से बंगले को खाली नहीं करती हैं तो उन्हें और वहां रह रहे अन्य लोगों को परिसर से बेदखल किया जाएगा।
अगर जरूरत पड़ती है, तो इसके लिए बलप्रयोग भी किया जा सकता है। आमतौर पर सांसदी जाने के बाद सांसदों को उन्हें अलॉट किए गए सरकारी बंगले को तुरंत खाली करना होता है।दरअसल, सरकार ने अपने नोटिस में कहा कि महुआ मोइत्रा को बंगला खाली करने के लिए पर्याप्त मौके दिए गए। मगर उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।