जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत के दो चेहरे अखिलेश यादव और मायावती एक बार फिर आमने सामने है। मोदी को हराने के लिए दोनों दावा कर रहे हैं लेकिन एक साथ आने से कतरा रहे हैं।
हालांकि इंडिया गठबंधन में मायावती को लेकर अब आवाज उठाने लगी है। कांग्रेस चाहती है कि मोदी को रोकने के लिए मायावती को साथ लिया जाये। यूपी की सियासत में जितना बड़ा कद अखिलेश यादव है तो दूसरी तरफ मायावती भी यूपी की राजनीति का बड़ा चेहरा मानी जाती है।
ऐसे हालात में अब अखिलेश यादव भी मान गए है और वो मायावती को इंडिया गठबंधन शामिल करने को तैयार है। हालांकि अब पूरा फोकस मायावती पर है कि वो क्या फैसला लेती है।
आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारियों में जुटी विपक्षी पार्टियां मायावती को साथ लाने के लिए तैयार हो गई और उनको अपने साथ लाने के लिए जल्द उनसे मुलाकात कर सकती है।
राजनीतिक सूत्रों से पता चला है कि कांग्रेस के कई नेता 15 जनवरी को मायावती से मिलकर उसके साथ लाने के लिए बात करेंगे। इसी दिन बसपा सुप्रीमो मायावती का जन्मदिन होता है और कांग्रेस के नेता उनसे मिलकर जन्मदिन की बधाई देने के साथ ही मायावती से गठबंधन में शामिल होने पर बात कर सकते हैं। कांग्रेस चाहती है कि यूपी में मायावती का साथ मिले जिससे यूपी में मजबूती से चुनाव लड़ा जा सके।
इसके बाद कांग्रेस समाजवादी पार्टी के साथ बैठक करेगी। कांग्रेस शुरू से मायावती को साथ लेने के लिए कह रही है लेकिन सपा तैयार नहीं है।
यूपी कांग्रेस के कई नेता चाहते हैं कि सपा के बजाय मायावती के साथ मिलकर यूपी में लोकसभा चुनाव में उतरा जाये तो पार्टी के अच्छा साबित हो सकता है।
हालांकि अभी तक इस पर किसी ने खुलकर कुछ भी नहीं कहा है लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि मायावती भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन सकती है। कुल मिलाकर अगर ऐसा होता है तो ये देखना होगा कि सीट शेयरिंग का क्या फॉमूर्ला अपनाया जाता है।