जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सपा एक बार फिर पुरानी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रही है। पिछले साल विधान सभा चुनाव में मिली हार के बावजूद समाजवादी पार्टी ने हार नहीं मानी है। इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए उसने अपनी पार्टी को मजबूत करना शुरू कर दिया है।
हालांकि इस बार सपा पहले से बेहतर लग रही है क्योंकि मुलायम के जाने के बाद उनका बिखरा हुआ कुनबा एक हो गया है। हालांकि पार्टी के कुछ नेता अपने बयानों की वजह से सपा को मुश्किल में डालने का काम जरूर कर रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार अपने बयानों की वजह से सपा को मुश्किल में डालते रहते हैं जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में पार्टी नेताओं को विवादित बयान देने से बचने की नसीहत दी थी।
अगर देखा जाये तो हाल के दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य की जुब़ान जब भी खुलती है तो विवादित बयान के लिए। उनका एक और ताजा बयान सुर्खियों में आ गया है और विवादित बयानों की लिस्ट में उनका एक और बयान लिस्ट में जुड़ गया है।
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स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “हिंदू धर्म एक धोखा है. वैसे भी सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में अपने आदेश में कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं है, ये लोगों के जीवन जीने की एक शैली है।”आगे कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दो बार बार कहा कि हिंदू कोई धर्म नहीं है, यह जीवन जीने का एक तरीका है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि हिंदू कोई धर्म नहीं है। जब ये लोग ऐसे बयान देते हैं तो भावनाएं आहत नहीं होतीं लेकिन अगर यही बात स्वामी प्रसाद मौर्य कह देते हैं तो हिंदू धर्म, धर्म नहीं है बल्कि एक धोखा है, जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं वो कुछ लोगों के लिए धंधा है तो लोगों की भावनाएं आहत हो जाती हैं।“
अपने बयानों से लगातार सुर्खियों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को इससे पहले रामचरितमानस के खिलाफ बयान देने के बाद विवादों में आए स्वामी प्रसाद मौर्य पर इसी साल की फरवरी में भी काली स्याही फेंकी गई थी।