देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद अब ‘उत्तर बनाम दक्षिण’ बहस चल पड़ी है। वजह है तेलंगाना में कांग्रेस की बड़ी जीत और दूसरे राज्यों में बुरी हार। संसद में DMK के एक सांसद की टिप्पणी के बाद यह बहस काफी बढ़ गई है। जिसमें कहा गया था कि यह हिंदी पट्टी ही है जहां BJP की विचारधारा गूंजती है जबकि देश के दक्षिणी हिस्से ने BJP को खारिज कर दिया है। यह बहस इतनी बढ़ी है कि पीएम मोदी भी बहस में शामिल दिखाई दिए हैं।
क्यों चल पड़ी है यह बहस?
उत्तर बनाम दक्षिण की यह बहस इस साल की शुरुआत में, कर्नाटक की सत्ता भाजपा के हाथों से फिसल जाने के बाद शुरू हुई थी। जब कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीता और दक्षिण में भाजपा से उसका एकमात्र आधार छीन लिया। अब तेलंगाना में कांग्रेस की जीत ने दक्षिण में उसकी स्थिति मजबूत कर दी है। अन्य दक्षिणी राज्यों में, केरल और तमिलनाडु से भी भाजपा बहुत दूर दिखाई देती है।
इसके उलट बीजेपी की मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जीत ने हिन्दी बेल्ट की पकड़ को और मजबूत कर दिया है। इन राज्यों के अलावा भाजपा महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश भी हैं। यही आधार है जिसके रहते उत्तर बनाम दक्षिण की बहस चल पड़ी है।
अब क्यों है इतनी चर्चा?
बीते दिनों आए चुनावी परिणामों के दौरान कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने एक्स पर पोस्ट किया और लिखा”दक्षिण-उत्तर सीमा रेखा मोटी और स्पष्ट होती जा रही है!” कांग्रेस सांसद कार्ति चिदम्बरम ने सिर्फ दो शब्द पोस्ट किए “द साउथ”। कहा गया कि भाजपा की नीतियां और विचारधाराएं केवल देश के उत्तरी हिस्से में कामयाब होती हैं। कहा गया कि 2024 की चुनावी लड़ाई ‘उत्तर बनाम दक्षिण’ के बीच की लड़ाई होगी। भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि यह सोच विभाजनकारी सोच है।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
भाजपा के टॉप नेताओं ने प्रोफेशनल्स कांग्रेस और पार्टी के डेटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती की ‘उत्तर बनाम दक्षिण’ पोस्ट के लिए आलोचना की। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने कहा, “वे हमेशा दो कार्ड तैयार रखते हैं, अब उन्होंने दूसरा कार्ड निकाल लिया है।” केरल भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि कांग्रेस ने हिंदू पार्टी, जाति की राजनीति, ईवीएम और मुफ्तखोरी के अपने नियमित कैप्सूल में विफल होने के बाद अलगाववादी आख्यान अपनाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक्स पर एक पोस्ट के साथ इस बहस में शामिल हुए। पीएम के द्वारा इस्तेमाल किए गए इमोजी के रहते सोशल मीडिया पर काफी हंगामा दिखाई दिया।