जुबिली न्यूज डेस्क
भोपाल. मध्य प्रदेश में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. प्रदेश में करीब पचास फीसदी आबादी ओबीसी वर्ग की है. लेकिन, 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में ओबीसी के टिकट देने के नाम पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही कंजूसी कर गए. जानें किसने कितना टिकट दिए.
बता दे कि चुनाव जीतने पर एमपी में जाति जनगणना कराने का वादा करने वाली कांग्रेस ने 229 सीटों में महज 62 टिकिट ओबीसी को दिए हैं. यानी 27 फीसदी. यही हाल बीजेपी का है. बीजेपी एमपी में 2003 से तीन ओबीसी मुख्यमंत्री बना चुकी है. लेकिन टिकिट देने के नाम पर ये भी कंजूसी कर गई. बीजेपी ने इस बार 228 सीटों में 69 टिकिट ओबीसी उम्मीदवारों को दिए हैं. यानी 30 फीसदी.मोटे तौर पर कांग्रेस ने 36 फीसदी उम्मीदवार सामान्य वर्ग से उतारे हैं. बीजेपी ने सामान्य वर्ग के 33 फीसदी प्रत्याशियों पर भरोसा जिताया है.
महिलाओं को कितनी हिस्सेदारी
दूसरी ओर, संसद ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए नारी शक्ति अधिनियम पारित किया है. मगर केन्द्र और राज्यमें सत्ताधारी बीजेपी ने सिर्फ 28 महिलाओं को टिकिट दिया है. यानी 12 फीसदी. कांग्रेस ने 30 महिलाएं मैदान में उतारी हैं. यानि 13 प्रतिशत. बीजेपी और कांग्रेस दोनों महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण की बात कहती हैं. लेकिन, टिकट देते वक्त दोनों ने महिलाओं की उम्मीदवारी सीमित कर दी.
5वीं क्लास पास से लेकर वकील उतरे मैदान में
बता दें, बीजेपी-कांग्रेस के उम्मीदवारों में पांचवी, आठवीं, दसवीं और 12वीं पास से लेकर डॉक्टर, वकील और इंजीनियर शामिल हैं. दोनों पार्टियों ने सबसे ज्यादा भरोसा वकीलों पर जताया है. बीजेपी की सूची में 5वीं पास कालू सिंह ठाकुर और प्रेम सिंह पटेल को टिकट दिया गया है. कांग्रेस में प्रागीलाल जाटव पांचवी पास प्रत्याशी हैं. बीजेपी ने आठवीं पास दो उम्मीदवारों नत्थन शाह और अंतर सिंह पटेल को टिकट दिया है. जबकि, कांग्रेस ने तीन प्रत्याशी वाल सिंह मेड़ा, बाबू चंदेल और सुरेश राजे को मौका दिया है. बीजेपी ने दसवीं पास 7 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं.
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सबसे ज्यादा वकीलों को टिकट दिया
दूसरी ओर, कांग्रेस ने चार डॉक्टरों को मैदान में उतारा है. इंजीनियर की डिग्री वाले प्रत्याशियों में कांग्रेस के आठ और बीजेपी के सात प्रत्याशी मैदान में हैं. दोनों पार्टियों में सबसे ज्यादा उम्मीदवार वकालत की डिग्री लेने वाले हैं. बीजेपी की पहली सूची में 29 वकीलों को चुनावी रणभूमि में उतारा गया है. कांग्रेस में 19 वकीलों को टिकट दिया गया है.