Monday - 28 October 2024 - 4:14 PM

TCS की कड़ी कार्रवाई, 16 कर्मचारियों की छुट्टी, जानें वजह

जुबिली न्यूज डेस्क 

नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद देश की दूसरी सबसे वैल्यूएबल कंपनी टीसीएस (TCS) ने भर्ती घोटाले में सख्त कार्रवाई की है। कंपनी ने कई महीनों की जांच के बाद 16 कर्मचारियों को निकाल दिया है। रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप के पूर्व प्रमुख ई एस चक्रवर्ती को भी बर्खास्त किया गया है। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी ने रविवार रात एक बयान में बताया कि उसने 16 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

फरवरी-मार्च में दो अलग-अलग व्हिसल ब्लोअर्स ने टीसीएस में भर्ती में घोटाले का आरोप लगाया था। चक्रवर्ती पर कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की भर्ती में धांधली का आरोप था। कंपनी ने 18 अप्रैल को उन्हें छुट्टी पर भेज दिया था। टीसीएस ने अब उन्हें बर्खास्त कर दिया है। इसके बाद कंपनी ने 23 जून को एक्सचेंजेज को बताया था कि वह इस मामले की जांच कर रही है। कंपनी ने कहा कि टाटा ग्रुप की कंपनी होने के नाते अनैतिक व्यवहार और मूल्यों के खिलाफ काम को किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि हमारे सभी स्टेकहोल्डर्स और कर्मचारी टाटा ग्रुप के कोड ऑफ कंडक्ट का सख्ती से पालन करें।

क्या था मामला

व्हिसल ब्लोअर्स ने आरोप लगाया था कि टीसीएस के वेंडर्स कंपनी के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर भर्ती में धांधली कर रहे हैं। जांच के बाद कंपनी ने कहा कि यह मामला कंपनी के साथ फ्रॉड का नहीं है। इस भर्ती घोटाले से कंपनी के ऊपर कोई वित्तीय देनदारी भी नहीं पड़ी है। कंपनी आने वाले समय में अपने कॉरपोरेट गवर्नेंस को और बेहतर बनाने पर काम करेगी। कंपनी को हायरिंग रिफॉर्म्स के बारे में भी कई सुझाव मिले हैं। इसके लिए रिसोर्स मैनेजमेंट टीम में लोगों को रेगुलर इंटरवर पर ट्रांसफर करना और सप्लायर मैनेजमेंट में एनालिटिक्स को बेहतर बनाना शामिल है।

टाटा की नौकरी

टाटा ग्रुप की नौकरी को देश में सरकारी नौकरी की तरह देखा जाता है। इसकी वजह यह है कि टाटा ग्रुप से शायद ही किसी को कभी निकाला जाता है। कोरोना काल में जब दूसरी कंपनियों में बड़े पैमाने पर लोगों को निकाला गया था तो रतन टाटा ने इसका जमकर विरोध किया था। लेकिन हाल के दिनों में यह स्थिति बदल गई है। टीसीएस ने घूस लेकर नौकरी देने के घोटाले में कई कर्मचारियों की छुट्टी की है। इससे पहले अब ग्रुप की एक और कंपनी टाटा स्टील ने भी 38 कर्मचारियों को निकाला था। इनमें से 35 पर नियमों का उल्लंघन करने और तीन पर सेक्सुअल मिसकंडक्ट का आरोप था।

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क्यों बढ़ी शिकायतें

टाटा स्टील के शेयरहोल्डर्स की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा था कि कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में कई कंपनियों का अधिग्रहण किया है और ओपन कल्चर लाने के लिए अभियान चलाया है। कर्मचारी अपनी बात खुलकर कह सकते हैं। वे यौन उत्पीडन से लेकर कंपनी में नियमों के उल्लंघन के बारे में अपनी बात रख सकते हैं। हम लोगों को अपनी बात कहने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इससे शिकायतों की संख्या बढ़ी है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में हमें 875 शिकायतें मिली थीं। इनमें से 158 विसल ब्लोअर से संबंधित थी, 48 सेफ्टी से जुड़ी थी और 669 एचआर तथा व्यवहार से जुड़ी थीं।

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